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उन्नाव कांड की एकमात्र गवाह किशोरी के स्वास्थ्य में हल्का सुधार,जांच के लिए सैंपल भेजे गए लखनऊ  

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किशोरी और उसके स्वजनों से किसी को भी नही मिलने नही दिया गया  

कानपुर :  उन्नाव कांड की एकमात्र गवाह रीजेंसी में भर्ती किशोरी का हालचाल लेने के लिए लोगाें का शुक्रवार को भी तांता लगा रहा। हालांकि वहां मौजूद भारी पुलिस फ़ोर्स के चलते किशोरी और उसके स्वजनों से किसी को भी मिलने नही दिया गया। यहां तक की किशोरी के भाई,मां और भाभी को मीडिया कर्मियों से दूर रखा। हेल्थ बुलेटिन जारी करने में देरी होने पर मीडियाकर्मियों का हंगामा बढ़ता देख सीओ स्वरूपनगर महेंद्र देव सिंह,थानाप्रभारी काकादेव कुंज बिहारी मिश्रा व नवाबगंज थानाप्रभारी रमाकांत  पचौरी ने रीजेंसी अस्पताल के पीआरओ परमजीत सिंह को सामने कर किशोरी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने की बात कही।

 

पीआरओ परमजीत सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि किशोरी के स्वास्थ्य में सुधार शुरू हो गया है। शुक्रवार सुबह उसके शरीर में काफी एक्टीविटी देखने को मिली है। शनिवार को वेंटिलेटर सपोर्ट भी कम किया जाएगा। किशोरी के शरीर में किसी भी प्रकार के मारपीट अथवा कोई निशान नही मिले हैं। लिहाजा किशोरी के संदिग्ध हालात में मिलने का पता लगाने के लिए उसका खून,पेट के भोजन व अन्य सैंपल केजीएमसी लखनऊ भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकता है कि किशोरी ने कोई जहरीला पदार्थ तो नही खाया है। रिपोर्ट आने के बाद यह पता चल सकेगा कि किशोरी शरीर में किस चीज की प्वाइजनिंग है। इसके बाद से आगे की दवाओं की प्रक्रिया चलेगी।

वेंटिलेटर सपोर्ट पर बेटी को देखकर माँ हुई भावुक

आईसीयू में भर्ती अपनी बेटी को सुबह जब देखने पहुंची तो वेंटिलेटर सपोर्ट पर बेटी को देखकर माँ विचलित हो गयी। अपनी बेटी यह हालत देखकर माँ ने वेंटिलेटर हटाने की बात कही। लेकिन किसी तरह माँ को समझाया गया।

घर में ही छिपा है मौत का राज

सूत्रों के अनुसार उन्नाव कांड का राज घर में ही छुपा है। गुरुवार देर रात हाँस्पिटल में मौजूद किशोरी की मां,भाई  और भाभी किसी से घटना को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे। पुलिस कर्मियों ने जब किशोरी की मां से पूछताछ करनी चाही तो वहां बैठी एक महिला ने उनका हाथ पकड़कर इशारों में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। ऐसे में दावा है कि उन्नाव कांड का राज घर में ही छुपा है। किशोरी के स्वास्थ्य ठीक होने के बाद स्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी। इसके चलते किशोरी का छह डॉक्टरों की पैनल से इलाज कराने के साथ ही देखरेख भी की जा रही। किशोरी की सुरक्षा के चलते परिजनों को भी किशोरी से मिलने की इजाजत नही दी गई है। उसके स्वजन आईसीयू में दूर से ही देख सकते हैं।

पुलिस से हुई तीखी बहस 

वहीं शुक्रवार शाम को हाँस्पिटल में मौजूद किशोरी के स्वजनों से मिलने की जिद पर अड़े भीम आर्मी के पदाधिकारियों की थाना प्रभारी काकादेव व नवाबगंज थानाप्रभारी से तीखी बहस हुई। लेकिन पुलिस के सख्त रवैये के चलते उनकी एक नहीं चली। हालांकि थाना प्रभारी काकादेव ने केवल दो लोगों को शाम को छह बजे स्वजनों से मिलाने की बात कही थी,लेकिन वो लोग उससे पहले ही वापस चले गए।

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