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जनपद में मनाया गया राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 

भूत प्रेत नहीं मस्तिष्क की बीमारी है मिर्गी रोग – डॉ विजित 

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बहराइच।जनपद में राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का आयोजन किया गया जिसमें बताया गया कि मिर्गी दौरा मस्तिष्क की कोशिकाओं में अचानक अधिक विद्युत प्रवाह के कारण होता है। यह किसी भी उम्र के लोगों में अलग-अलग कारणों से हो सकती है। इसका समय रहते इलाज न किया जाय और झटके बार-बार आते रहें तो व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। साथ ही उसकी यदाश्त व तार्किक क्षमता भी क्षीण हो सकती है।  डबल्यूएचओ के अनुसार लगभग 10 मिलियन लोग मिर्गी से जुड़े दौरे से पीड़ित हैं।यह बातें गुरुवार को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के अवसर पर मनोरोग विशेषज्ञ डॉ विजित जायसवाल ने कही । जरवल मुस्तफाबाद सीएचसी पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होने बताया कि मिर्गी के दौरे किसी भी उम्र के लोगों को अलग-अलग कई कारणों से हो सकते हैं । जन्म के समय शिशु के मस्तिष्क तक समय से ऑक्सीज़न न पहुंचने से नवजात को झटका आ सकता है। वहीं शराब , ड्रग्स या नींद की नियमित गोली खाने वालों को अचानक नशा छोड़ने से मिर्गी का झटका आ सकता है ।  इसके लिए नशा छोड़ने के साथ चिकित्सीय सलाह से दवाओं का उपयोग कर मिर्गी के दौरे से बचा जा सकता है।
कैसे करें इसका उपचार
डॉ विजित ने बताया कि मिर्गी दौरे का इलाज सफल और सुरक्षित है। औसतन 60 से 70 फीसदी मरीज इलाज शुरू होने के 3 से 5 साल बाद स्वस्थ हो जाते हैं । इस दौरान बिना चिकित्सीय सलाह के बीच में दवा बंद नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर पुनः 3 से 5 साल तक इलाज करना पड़ता है।
मिर्गी दौरे के क्या हैं लक्षण
हाथ पैर में ऐठन, कंपन ,मुंह से झाग आना ,आंखे ऊपर चढ़ जाना ,गर्दन ऐंठ जाना ,होंठ, जीभ, गाल दांतों में फँसकर कट जाना ,बेहोशी ,मल मूत्र कपड़े में त्याग देना ,इस दौरान मिर्गी के दौरे की जानकारी मरीज को नहीं रहती
मिर्गी का दौरा पड़ने पर क्या करें –
मरीज को आग, पानी या नुकीली धार दार वस्तुओं से दूर रखना ,मरीज को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना रसोई घर , ज्व्लंशील पदार्थों से दूर रखना ,बायीं करवट लिटाना जिससे मुंह से निकालने वाला झाग या पानी बाहर निकाल जाय ,कसे हुए कपड़ों को ढीला कर देना ,आस पास से धारदार नुकीली वस्तुओं को हटा देना ,दांतों या मुंह को खोलने का प्रयास न करना
,मरीज के मुंह में कोई भी वस्तु चम्मच या उंगली न डालना ,मरीज के मुंह में पानी या कोई भी पेय पदार्थ न डालना ,मरीज के हिलने डुलने या हाथ पैर के ऐंठन को न रोकना ,एक घंटे बाद मिर्गी का दौरा स्वतः समाप्त हो जाता है तथा स्थिति समान्य हो जाने पर तत्काल अस्पताल ले जाना
यह कार्य बिल्कुल न करें
भूत ,प्रेत ओझा तांत्रिक के चक्कर में न पड़ना
मरीज को जूता चप्पल आदि न सुंघाना

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