
भारतीय ज्ञान परंपरा को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने का आह्वान, बीबीएयू में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
भारतीय ज्ञान परंपरा को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने का आह्वान, बीबीएयू में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
लखनऊ: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) और भारतीय शिक्षण मंडल, अवध प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा: समाज के अंतिम छोर तक’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी भारतीय शिक्षण मंडल के 56वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित की गई।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री शंकरानन्द ने भारतीय दृष्टिकोण को समझने और जीवन के उद्देश्य को पाने के लिए शिक्षण मंडल से जुड़कर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती के कथन ‘वेदों की ओर लौटो’ और श्रीकृष्ण के उपदेश ‘वेदों से परे जाओ’ के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए भारतीय ज्ञान की परंपरा का विश्लेषण किया। उन्होंने नवधा भक्ति के नौ चरणों की विस्तृत व्याख्या करते हुए बताया कि परहित, सत्यनिष्ठा, और कर्मशीलता के माध्यम से ही भारतीय संस्कृति को पुनः जीवन्त किया जा सकता है। संस्कृत भाषा को वैज्ञानिक भाषा बताते हुए उन्होंने इसके अध्ययन पर बल दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता केएनआईटी के निदेशक डॉ. राजीव कुमार उपाध्याय ने की। उन्होंने भारतीय संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए Lost, Last and Least की अवधारणा प्रस्तुत की और अंत्योदय की भावना से शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की जरूरत बताई।राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरपाल सिंह ने कहा कि शिक्षा का मूल भारतीयकरण में है। उन्होंने गुरुकुल परंपरा और धर्मशास्त्र के पाठ्यक्रमों की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए न्याय व्यवस्था में भारतीय दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से समाज में परिवर्तन संभव है, लेकिन इसके लिए सभी को मिलकर सतत प्रयास करने होंगे।इस अवसर पर गृह विज्ञान विद्यापीठ की संकायाध्यक्ष प्रो. यूवी किरण ने स्थापना दिवस के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में ‘दृष्टि सामाजिक संस्थान’, ‘इनोवेशन फॉर चेंज’, ‘अभिकल्पना एक पहल’, ‘ड्रीम स्कूल वाय विशालाक्क्षी फाउंडेशन’, ‘जनप्रगति फाउंडेशन’ और ‘ब्यूटीफुल माइंड्स’ जैसे एनजीओ के संस्थापकों एवं वालंटियर्स को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन संस्थाओं द्वारा वंचित, अनाथ, गरीब और दिव्यांग बच्चों के लिए चलाए जा रहे शिक्षा व संरक्षण कार्यक्रमों को सराहा गया।कार्यक्रम में पौध भेंट, स्मृति चिन्ह और शॉल द्वारा अतिथियों का अभिनंदन किया गया। मंच संचालन दीप नारायण ने किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन भारतीय शिक्षण मंडल, अवध प्रांत के अध्यक्ष प्रो. कमल जायसवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ।इस संगोष्ठी में बीबीएयू के विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधार्थी, छात्र, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि और स्वयंसेवी संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।