रायबरेली : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बनते ही किसानों के हितों को लेकर बड़ी बड़ी बातें की गई थी। वही किसान अपनी फसल को लेकर मायूस नजर आ रहा है। मामला सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली का है जहां जिला उद्यान विभाग के आलाधिकारियों की अनदेखी का किसान शिकार हो रहे है। सुबह से लंबी लंबी लाइनों में खड़े किसानों को जब उनका नम्बर आता है तो उन्हें आलू के बीज तो नही हाथ लगा पर सर्फ मायूसी पर हाथ लगी । किसान सुबह से खाली पेट सिर्फ इसलिए लाइन लगाए हुए खड़े है। इनको आलू का बीज उप्लब्ध हो जाएगा और ये आलू की खेती कर कुछ मुनाफा कमा सकेंगे। शायद इनकी किस्मत में ही मायूसी लिखी है
सुबह के बाद जब दोपहर में इनका नम्बर आया तो जिला उधान विभाग में आलू का बीज ही खत्म हो गया। जिससे खाली हाथ मायूसी लेकर किसानों को अपने घर को लौटना पड़ा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब आलू के बीज की मात्रा ही कम आई तो दूर दूर से किसानों को क्यो बुलवाया गया । एक तो किसान को बीज नही मिल सका दूसरी तरफ जो जेब मे रुपये भी थे वह किराए भाड़े में खर्च कर दिए। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार किसानों के हितों की तरफ बात ही करेगी या फिर जमीनी हकीकत को देखकर उनके दर्द को बांटने का काम भी करेगी। वही जब जिला उधान निरीक्षक वरुण कुमार से बात की गई तो उनका कहना है कि आलू के बीज का स्टॉक ही कम आया है। तो इसमे हम लोग करे ही तो क्या करे? जितना आया उतना बाट दिया गया है। वही कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ रही धज्जियो के बारे में सवाल किया गया तो साहब अपनी वाह वाही बताने से बाज नही आये।