दिल्लीः हाल ही में बने कृषि संबंधी तीन कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध खत्म नहीं हुआ है, और ढेरों किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए ही कड़ाके की सर्दी के बावजूद सड़कों पर आंदोलनरत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को सड़कों से हटाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र, पंजाब तथा हरियाणा की सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है, और इस मुद्दे पर कमेटी बनाने की भी घोषणा की है। उधर, आंदोलनरत किसानों ने बुधवार को दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया है, लेकिन दिल्ली से नोएडा में प्रवेश का रास्ता खुला छोड़ दिया गया है। इस बीच, केंद्रीय कानूनों के खिलाफ आंदोलन में जुटे किसानों को समर्थन देने के लिए उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतें भी खुलकर सामने आ गई हैं।
‘पंजाब के किसानों से हो रही बातचीत’
कृषि मंत्री ने कहा कि ‘देशभर के किसान इन कानूनों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन पंजाब के किसानों को कुछ समस्याएं हैं, जिसपर सरकार समाधान निकालने की कोशिश कर रही है।
कृषि मंत्री ने मीडिया से की बात
ग्वालियर पहुंचे कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ‘कृषि सुधार बिल जो आए हैं, वो किसान की हर समस्या का समाधान हैं। किसान आंदोलन में शामिल किसान संगठनों से बातचीत हो रही है, हम उसका समाधान निकालेंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘विपक्ष इस आंदोलन को लेकर देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, जिसमें वो सफल नहीं होगा।’