आर्थिक तंगी को बताया जा रहा है आत्महत्या का कारण
परिजनों का आरोप शासन प्रशासन ने अभी तक नहीं की कोई सहायता
परिजनों ने बताया दो दिन से था भूखा, मांग कर खाया चूड़ा
बूढ़े मां बाप का अब कोई नहीं है सहारा
मृतक युवक घर का था एकमात्र कमाऊ सदस्य
गोण्डा।जिले के तहसील तरबगंज थाना क्षेत्र उमरी बेगमगंज के अंतर्गत ग्राम गभौरा में फूस के छप्पर में कोरण्टाईन हुए 24 वर्षीय युवक राजू प्रजापति पुत्र राघव प्रजापति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना की सूचना पाकर थानाध्यक्ष उमरी बेगमगंज मय फोर्स घटनास्थल पर पहुंचकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए युवक के शव को रस्सी से नीचे उतारकर आवश्यक कार्रवाई को पूरा कर पोस्टमार्टम के लिए गोण्डा रवाना कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाकर ग्रामीण एवं पूर्व प्रधान के सहयोग से दाह संस्कार करा दिया गया।
आपको बताते चलें युवक दिल्ली में रहकर मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करता था। लाक डाउन होने के बाद मजदूरी बंद हो गई थीजिससे परेशान होकर वह 15 मई को दिल्ली से अपनी पत्नी शतरूपा और और 10 माह की नन्हीं सी दुधमुंही बेटी जान्हवी को साथ लेकर गोण्डा अपने गांव आ गया था और घर से दूर फूस के छप्पर में ही पृथकवास की अवधि को पूरा कर रहा था। लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी को देखकर वो मानसिक तनाव में आ गया और रस्सी को फांसी का फंदा बनाकर मौत को गले लगा लिया। और अपने पीछे छोड़ गया बूढ़े मां बाप पत्नी नन्ही सी बच्ची और एक बहन। वहीं युवक की बहन ने रोते हुए बताया कि भैया 2 दिन से भूखे थे उन्होंने कहा घर में भोजन नहीं बना है तो चूड़ा ले आओ वही खा लूंगा। वही बूढ़े हो चले पिता ने रोते हुए बताया की बेटी की शादी तय थी लाकडाउन की वजह से नहीं हो पाया था वह मेरा इकलौता बेटा था और घर में कमाने वाला एकमात्र सदस्य अब मैं बूढ़ा हो चला हूं , बेटी की शादी और परिवार का भरण पोषण अब कैसे होगा यही सोच सोच कर मेरा कलेजा फटा जा रहा है।
मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य केटी तिवारी हिंदू युवा वाहिनी महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष रेखा श्रीवास्तव तथा भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय विधायक माननीय प्रेम नारायण पांडे जी ने पहुंचकर परिवार वालों को सांत्वना दी और परिवार को अंत्येष्टि क्रिया के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर हर संभव मदद करने का वादा किया। वहीं परिवार वालों ने शासन प्रशासन से आर्थिक सहायता प्रदान करने की गुहार लगाई। वहीं इस घटना के संबंध में जब खंड विकास अधिकारी से फोन पर बात किया गया तो उन्होंने घटना के संबंध में जानकारी होने से इंकार कर दिया। लाकडाउन की इस अवधि में आर्थिक तंगी से परेशान होकर युवक का आत्महत्या करना शासन प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े करता है।