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संकट के दौरान केंद्र सरकार जनता के आर्थिक जख्म पर लगायें मरहम- प्रमोद तिवारी

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लखनऊ : कोरोना काल में आज पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो, या शहरी क्षेत्र, पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है। इस महामारी में तालाबन्दी की वजह से मध्यम वर्ग, किसान, वेतनभोगी, मजदूर और रोज कमाने- खाने वाले लोग दो वक्त की रोटी के लिये परेशान है, ऐसे समय में केन्द्र और प्रदेश सरकार को जनता के जख्म पर मरहम लगाना चाहिए। किन्तु वे आर्थिक जख्म को और अधिक गहरा कर रही है।

प्रमोद तिवारी ने कहा है कि दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत कल 38.73 डाॅलर/ बैरल रही पेट्रोल का आधार मूल्य रु. 17.96, परिवहन लागत 0.32 डीलर का रेट 18.28 उत्पादक शुल्क 32.98 डीलर कमीशन 03.56 तथा वैट 16.44 एवं डीजल का आधार मूल्य रु. 18.49 परिवहन लागत 0.29 डीलर रेट 18.78, उत्पाद शुल्क 31.83, डीलर कमीशन 02.52 तथा वैट 16.26 प्रति लीटर है। पेट्रोल पर टैक्स रु. 49.42 (लगभग 50 रुपये) एवं डीजल पर टैक्स रु. 48.09 (लगभग 49 रुपये) है।

आज पेट्रोल रु. 77.78 (लगभग 78 रुपये) प्रति लीटर तथा डीजल रु. 67.90 (लगभग 68 रुपये) प्रतिलीटर बेंचा जा रहा है। पिछले सप्ताह पेट्रोल में 5.0 रुपये तथा डीजल में 4.87 रुपये की बढ़ोत्तरी की गयी। भारत में तेल पर टैक्स एवं वैट लगभग 70, है जबकि अमेरिका में 19ः है। तिवारी ने कहा है कि सभी देष वासियों के लिये यह चिन्ता का विषय है कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार आने के बाद डीजल में 819, उत्पाद शुल्क बढ़ा है और पेट्रोल में 258, उत्पाद शुल्क बढ़ा है। जबकि ट्रैक्टर ट्यूबबेल ओर पम्पिंग सेट आदि में केवल डीजल का ही प्रयोग होता है जो कृृषि कार्य के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रमोद तिवारी ने कहा है, कि प्रधानमंत्री बोलते थे, कि मैं सौभाग्यषाली हूँ, कि दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिर रही है। वे तो सौभाग्यशाली बने- किन्तु देश की जनता दुर्भाग्यशाली हो गयी। क्योंकि दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिरने के बावजूद भी देश में डीजल ओर पेट्रोल की कीमत कम होने की बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोरोना से ग्रस्त भारत की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये किसान, वेतनभोगी, अल्प एवं मध्यम व्यापारी वर्ग, मजदूर और बेरोजगार को सुविधा मुहैया करायी जाय, सरकारी तंत्र और कम्पनियां दुगुना मुनाफा कमायें, और देशवासी महंगाई की मार झेले, ये दुर्भाग्यपूर्ण और चिन्ताजनक है। तिवारी ने कहा है कि आज देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख 32 हजार 783 हो गयी है। किसान,मजदूर,रोज कमाने- खाने वाले तथा रेड़ी लगाने वाले लोगों को प्रथम माह में 10,000 रुपये और जब तक कोरोना की महामारी रहे तब तक इन्हें रु. 7,500 प्रतिमाह ‘‘न्याय योजना’’ के अंतर्गत दिया जाय, जिससे इनके परिवार का भरण पोषण होता रहे

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