कानपुर : सेंट्रल स्टेशन पर रुपयों से भरे बैग के मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। जिम्मेदारी न लेने के चलते नोट जीआरपी और आयकर अधिकारियों के बीच में फंसकर रह गए हैं। बैग मिले हुए तीन दिन बीत चुके हैं। नोट किसके हैं या कहां से आए,अभी तक इसे लेकर जीआरपी के हाथ खाली हैं। जीआरपी थाना प्रभारी ने शुक्रवार को बताया कि नोट ट्रेजरी में जमा कराए जायेंगे।
रेलवे के इंटर कॉम नंबरों का प्रयोग कर 1.40 करोड़ रुपये सेंट्रल स्टेशन से निकालने के मामले में जीआरपी के हाथ अभी तक खाली हैं। तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन जीआरपी न तो नई दिल्ली स्टेशन से सीसीटीवी फुटेज जुटा सकी और न ही पेंट्रीकार के कर्मचारियों से भी कोई साक्ष्य हासिल कर सकी। सबसे बड़ा सवाल रेलवे के इंटरकॉम नंबर को लेकर खड़ा हो रहा है। हवाला के रूपयों को भेजने वाले ने रेलवे के इंटरकॉम नंबरों पर कॉल की। इससे एक बात साफ है कि वह रेलवे के कोड भी अच्छी तरह से जानता था। अब इस बात का शक भी गहराता जा रहा है कहीं रुपये भेजने वाला रेलवे से तो नहीं जुड़ा है। क्योंकि रेलवे के सिस्टम को रेलवे कर्मचारी के अतिरिक्त और कोई भी नहीं जानता है। रेलवे भी अब तक इंटरकॉम पर आए फोन कॉल की पड़ताल नहीं कर सका हैं क्योंकि रुपये भेजने वाले तक पहुंचने के लिए इंटरकॉम के नंबर सीढ़ी बन सकते हैं।