बस दुर्घटना में 34 लोगों की मृत्यु और 15 लोग गंभीर घायल हुए थे
लखनऊ : राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर आज युवा शक्ति संगठन के द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे पर पिछले साल बस दुर्घटना में 34 लोगों की मृत्यु हो गई थी, और 15 लोग गंभीर घायल हुए थे। इस मामले को लेकर आज यानी कि बुधवार सुबह से मृतकों के परिजनों ने मुआवजा की धनराशि और न्यायिक जांच के लिए गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और ज्ञापन सरकार को सौंपा। उनका कहना है कि सरकार ने झूठ बोला है। बस दुर्घटना को हुए 1 वर्ष बीत चुका है, लेकिन अभी तक पीड़ित परिवारों को किसी भी प्रकार की कोई सहायता नही मिली है, और ना ही उन दोषीयों खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही हुई है। जिसकी वजह से ये हादसा हुआ है।
जिससे मृतकों के परिजनों में सरकार के खिलाफ रोष है। पीड़ित परिवारों में अंशुमान अवस्थी है। जिनका बेटा बैंक में नौकरी करता था। उनका कहना है कि मेरे बेटे का उसी साल नौकरी लगी थी। नैकरी लगने के 6 महीने बाद ही उसकी हादसे में मौत हो गई। हमने बड़ी मेहनत से अपने बच्चों को पढ़ाया था। ऐसे ही जाने कितने पिता होंगे। जिनके इकलौते बेटे इस हादसे में अपनी जान गवा चुके हैं। लेकिन सरकार ने हमारे साथ कोई न्याय नहीं किया है। इसलिए हम सरकार से मांग कर रहे है, कि इस घटना की न्यायिक जांच हो और जो भी दोषी अधिकारी हैं। जो इस मामले में संलिप्त हैं, उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा है कि हमारे मुआवजे की धनराशि जो सरकार ने स्वीकृत की थी। उससे अभी तक नहीं दिया गया है। उस धनराशि को हमारे तक पहुंचाया जाए।