लखनऊ : अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में अभियुक्त कल्याण सिंह पेश हुए। उन्होंने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपने बयान दर्ज कराए। अब इस मामले में सिर्फ सात अभियुक्तों का बयान दर्ज होना बाकी है। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने शेष अभियुक्तों के बयान के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की है।
विशेष अदालत में बयान दर्ज कराने के लिए अभियुक्त संतोष दूबे भी उपस्थित थे। लेकिन समयाभाव के चलते इनका बयान दर्ज नहीं हो सका। अदालत ने अब इन्हें 16 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया है। इससे पहले विशेष अदालत में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व इस मामले के अभियुक्त कल्याण सिंह अपने वकील विमल कुमार श्रीवास्तव, केके मिश्रा व अभिषेक रंजन के साथ उपस्थित हुए।
तकरीबन एक हजार से भी ज्यादा सवालों के जवाब में बताया कि उनके खिलाफ दी गई अभियोजन की गवाही में कोई सच्चाई नहीं है। वो घटना के दौरान मुख्यमंत्री थे। उनकी सरकार ने विवादित ढांचे की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की थी। उन्होंने समय-समय पर प्रशासनिक अधिकारियों को उचित कार्यवाही के निर्देश भी दिए थे। उन्हें इस मामले में तत्कालीन केंद्र सरकार ने राजनीतिक कारणों से झूठा फंसाया है। वो निर्दोष हैं। इस दौरान सीबीआई की ओर से वकील ललित कुमार सिंह, पी चक्रवर्ती व आरके यादव उपस्थित थे।
यह है मामला
छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में 49 एफआईआर दर्ज हुई थीं। एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला ने, जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी। शेष 47 एफआईआर अलग अलग तारीखों पर पत्रकारों व फोटोग्राफरों ने दर्ज कराई थी। पांच अक्टूबर, 1993 को सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें 17 की मौत हो चुकी है। लिहाजा अब लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती व कल्याण सिंह समेत कुल 32 अभियुक्तों के मामले की सुनवाई हो रही है।