यूपी : गाज़ीपुर मजलिस वा मातम शबीह जन्नतुल बक़ी की ज़ियारात कराई गई ,और जनाब उरूज अब्बास साहब ने मजलिस को खिताब किया जिसमे आपस में भाईचारो घर, दोस्त पड़ोसी) पे बात की और विरोध किया गया आले साऊद को जिसने मुसलमानो के नबी (स०व) की बेटी की कब्र जन्नतुल बक़ी आईम्मा ए मासूमीन (अ.स) की कब्रो को मिस्मार किया । हम हिन्दुस्तानी जो फीलिस्तीन की आज़ादी के लिए आवाज़ उठाते हैं उसी तरह जन्नतुल बक़ी की तामीर के लिए भी आवाज़ उठाते हैं। दुश्मन की कोशिश रहती हैं की वो हमारे अपने लोगों के भेस में शामिल होकर ये ग़लतफ़हमी फैलाये की हम जन्नतुल बक़ी को मस्जिदें अक़्सा से कम समझते हैं जब की ऐसा हरगिज़ नहीं है। हम आले साऊद को ना भुला सकते हैं और ना माफ़ कर सकते हैं।