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कुछ देर में अंबाला आएगा भारत का ‘बाहुबली’ राफेल, पानी की बौछारों से दी जाएगी सलामी

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नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत का बाहुबली यानी राफेल आज भारत आ रहा है। दोपहर में 5 राफेल विमानों का पहला बेड़ा आज दोपहर हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर उतरेगा जिसके मद्देनजर पुलिस ने सैन्य अड्डे के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। पांच राफेल लड़ाकू विमानों को रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया मौजूद रहेंगे। राफेल की अंबाला में आज लैंडिंग के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं और फोटोग्राफी से लेकर घर की छतों पर लोगों की मौजूदगी को बैन कर दिया गया है। जब राफेल विमान की लैंडिंग अंबाला में होगी तो पानी की बौछारों से इन्हें सलामी दी जाएगी।

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दरअसल, लड़ाकू विमानों के इस बेड़े ने सोमवार को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी। ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार दोपहर अंबाला पहुंचेंगे। इस दौरान विमान केवल एक जगह संयुक्त अरब अमीरात में रुका, जो ग्यारह बजे के करीब वहां से टेक ऑफ हुआ है।

-सूत्रों की मानें तो भारत के राफेल ने करीब 11 बजे संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा से टेक ऑफ किया और दोपहर दो बजे चक अंबाला पहुंच जाएंगे। इतना ही नहीं, इन राफेल विमानों की लैंडिंग के लिए एक बैक बेस भी तैयार है। अगर अंबाला और उसके आसपास में मौसम अनुकूल नहीं रहता है तो फिर इन राफेल जेट्स की लैंडिंग जोधपुर एयरबेस पर होगी। अंबाला और जोधपुर दोनों ही एयरबेस रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।

-अंबाला एयरबेस पर राफेल को वाटर सैल्यूट किया जाएगा।

-अंबाला में चप्पे-चप्पे पर है सुरक्षा बलों की नजर, चार गांवों में धारा 144 लागू।

अधिकारियों ने बताया कि इन विमानों में एक सीट वाले तीन और दो सीट वाले दो विमान होंगे। अधिकारियों ने अंबाला सैन्य अड्डे के आसपास निषेधाज्ञा जारी कर तस्वीरें लेने और वीडियो बनाने पर रोक लगा दी है। अधिकारियों ने पहले बताया था कि अंबाला जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा जारी कर सैन्य अड्डे के तीन किलोमीटर के दायरे में निजी ड्रोन उड़ाने पर भी रोक लगा दी है। धुलकोत, बल्देव नगर, गरनाला और पंजखोरा सहित सैन्य अड्डे से लगे गांवों में धारा 144 लागू कर चार या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया।

अंबाला के उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि इस निषेधाज्ञा लागू होने के दौरान सैन्य अड्डे की चाहरदीवारी और उससे लगे क्षेत्रों की तस्वीरें लेना और वीडियो बनाना प्रतिबंधित है।

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इस बीच, हरियाणा पुलिस ने सैन्य अड्डे के पास स्थित आवासीय इलाकों में कई नाके बनाए हैं और कई पुलिस अधिकारी गश्त लगाते भी दिखे। लाउडस्पीकर से लोगों को छतों पर खड़े होकर तस्वीरें ना लेने और वीडियो ना बनाने की चेतवानी भी दी जा रही है। उन्होंने ऐसा करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। कई स्थानों पर लड़ाकू विमानों के स्वागत के लिए होर्डिंग भी लगाए गए हैं।

राफेल विमान भारत द्वारा पिछले दो दशक से अधिक समय में लड़ाकू विमानों की पहली बड़ी खरीद है। इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी होने की संभावना है।

भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इन विमानों को बुधवार दोपहर में भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन नम्बर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से भी जाना जाता है।

हालांकि, इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जा सकता है जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है।

भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं उनमें से 30 विमान लड़ाकू जबकि छह प्रशिक्षक विमान हैं। अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है।

क्या है खासियतें

राफेल की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है और इसकी मारक क्षमता 3700 किमी. तक है।
राफेल में बहुत ऊंचाई वाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। लेह जैसी जगहों और काफी ठंडे मौसम में भी लड़ाकू विमान तेजी से काम कर सकता है।
राफल 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी भी है।
राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है।
यह लड़ाकू विमान परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।
यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।
150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल
राफेल हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल है

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