लखनऊ : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। बुधवार शाम को गिरीश चंद्र मुर्मू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होनें बुधवार देर रात को अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को भेजा। मुर्मू का इस्तीफा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार सबह को स्वीकार कर लिया है।
आपको बता दें कि 5 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे एक साल पूरा हुआ है, इसी बीच बुधवार शाम को अचानक जीसी मुर्मू के इस्तीफे की खबर आई है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 लगने से पहले वह पूर्ण राज्य था। तब सत्यपाल मलिक यहां के राज्यपाल थे। लेकिन जब केंद्रशासित प्रदेश बना तो अधिकारी जीसी मुर्मू को भेजा गया। जीसी मुर्मू की गिनती भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास अधिकारियों में होती रही है। कहा जा रहा है कि मुर्मू नए नियंत्रक एवं महालेखाकार (कैग) बनाए जा सकते हैं। वह राजीव महर्षि की जगह लेंगे, जो कैग से इसी हफ्ते सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।
मनोज सिन्हा उत्तर प्रदेश के गाजी
पुर जिले के मोहम्मदाबाद तहसील के मोहनपुरा गांव के रहने वाले हैं। मनोज सिन्हा तीन बार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं, पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश) में भाजपा के बड़े चेहरे भी हैं। हालांकि, 2019 का लोकसभा चुनाव वो हार गए थे, जिसे एक बड़ा झटका माना गया था। मोदी सरकार के पहले
कार्यकाल में मनोज सिन्हा मंत्री रह चुके हैं और उनके पास रेलवे के राज्यमंत्री और संचार राज्यमंत्री का कार्यभार था। जानकारी के अनुसार पहली बार वर्ष 1996 में हुए लोक सभा चुनाव में वह निर्वाचित घोषित किए गए थे। उस दौरान दो लाख 75 हजार 706 मत पाकर वह एक लाख से अधिक मतों से विजयी हुए थे।
केंद्रीय मंत्री की हैसियत से पहुंच का इस्तेमाल करने के साथ ही संचार विभाग का स्वतंत्र प्रभार और रेल राज्यमंत्री का पद संभालने के अलावा गाजीपुर के लोग उन्हें विकास के लिए जाने जाते हैं।उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ऐतिहासिक जीत मिली थी। उस समय मनोज सिन्हा रेल राज्यमंत्री के साथ ही संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। मनोज सिन्हा यूपी विधानसभा चुनाव जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे थे
लेकिन पार्टी की ओर से योगी आदित्यनाथ को आगे किया गया।मनोज सिन्हा की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेताओं में होती है। ऐसे में अब एक बार फिर केंद्र सरकार की ओर से मनोज सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।