कानपूर : मौसम की मार वायरल फीवर के प्रकोप के रूप में सामने आई है वेक्टर बोर्न डिजीज और वायरल की मार बच्चे, बूढ़े, महिलाओं को अपनी चपेट में तेज़ी से लेती जा रही है। आलम ये है कि उल्टी दस्त बुखार निमोनिया के इतने मरीज आ रहे हैं कि हैलट अस्पताल में बेड ही कम पड़ गए हैं इसी तरह उर्सला व अन्य सरकारी अस्पतालों में भी सभी बेड फुल हो चुके हैं। शहर में मलेरिया और डेंगू का खतरा भी मंडरा रहा है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग भी सचेत हो गया है। आलम ये है कि हैलट इमरजेंसी में 400 मरीज वायरल फीवर के रिपोट चुके हैं।
अस्पताल मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने में जुटे हुए हैं। इमरजेंसी में हालात ओपीडी जैसे नगर आने लगे हैं। मरीजों के लिए स्ट्रेचर,बेड और ट्रॉली कम पड़ने लगे हैं अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के चलते मरीजो की हालात को सामान्य करके उन्हें घर भेजा जा रहा है और उन्हें घर में रहकर ही दवा करने की सलाह दी जा रही है। हैलट अस्पताल के 4 वार्डों की हालत यह है कि अधिकतर बेड में दो-दो मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना की तीसरी वेव की आशंका के चलते हैलट अस्पताल में 400 बेड कोरोना पेशेंट के लिए रिजर्व करके रखे गए हैं। जिनमें सामान्य फ्लू और वायरल के मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता।