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होम्योपैथी में वायरल बुखार से लड़ने की क्षमता: डॉ अनुरुद्ध

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बाराबंकी : इस समय वायरल बुखार का मौसम चल रहा है। जिसके चलते चिकित्सालयों एवं चिकित्सकों के यहाँ वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यदि आप या आपके घर में कोई वायरल बुखार से पीडि़त हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि होम्योपैथी में वायरल बुखार से लड़ने की कारगर दवाइयां उपलब्ध है। केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ अनुरुद्ध वर्मा बताते है, कि यह मौसम तापमान के तेजी से उतार चढ़ाव एवं नमी के कारण विभिन्न तरह के वायरस के संक्रमण के लिए बहुत अनुकूल है।

इसलिए ज्यादा सावधानी एवं सतर्कता की जरूरत है। डॉ वर्मा बताते है कि वायरल बुखार में ठंढक, पसीना आना, डिहाइड्रेशन, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, कमजोरी, थकान, भूख का कम लगना, मिचली महसूस होना, गले में खराश आदि लक्षण हो सकते है। परंतु यदि स्वाद एवं गंध में कमी या सांस लेने में दिक्कत हो तो सतर्क हो जाना चाहिए। डॉ वर्मा ने बताया कि वायरल फीवर संक्रामक है इसलिए इससे बचाव के लिए भीड़ भाड़ में जाने से बचें, बुखार से पीडि़त रोगी से दूरी बनाये रखें, रोगी का तौलिया, रुमाल आदि का प्रयोग न करें। गुनगुना पानी पिएं, ठंढ़ी चीजें जैसे आइस क्रीम, कोल्ड ड्रिंक, बाजार के भोजन से बचें। यदि आपके घर में कोई रोगी है तो उसे अलग हवादार कमरे में रखें, पौष्टिक, सुपाच्य एवं तरल भोजन दें, पर्याप्त पानी पिलायें, धूप दिखायें, गुनगुना पानी दे, ठंढी चीजों से बचाव करें।

वायरल बुखार के इलाज में कारगर है ये होमियोपैथिक दवाइया डॉक्टर वर्मा ने बताया कि वायरल बुखार के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयां अत्यंत प्रभावी हैं। इसके उपचार के लिए आर्सेनिक अल्ब, रस टॉक्स, बेलाडोना, जेल्सीमियम, एपिटोरिम पर्फ, डल्कामारा, चाइना आदि दवाइयों का इस्तेमाल कुशल प्रैक्टिशनर की सलाह से किया जा सकता हैं। होम्योपैथिक औषधियां सुरक्षित हैं और शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव भी नहीं डालती हैं। उन्होंने बताया कि वायरल बुखार के बाद शरीर में आने वाली कमजोरी, थकान आदि को दूर करने लिये भी होम्योपैथिक दवाइयां कारगर है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक सलाह के लिए उनसे हेल्प लाइन नंबर 6392090088 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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