लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद,अस्पताल और इण्डो-इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेण्टर के निर्माण के लिए उ.प्र.सुन्नी वक्फ द्वारा गठित इण्डो-इस्लामिक कल्चरल फाउण्डेशन दो निजी बैंकों में अपने खाते खोलेगा। इनमें से एक बैंक खाता सिर्फ मस्जिद के निर्माण के लिए धन जुटाने के वास्ते होगा जबकि दूसरे बैंक खाते में मस्जिद परिसर में बनने वाले अस्पताल व रिसर्च सेण्टर के लिए धन संकलित किया जाएगा।
यह जानकारी फाउण्डेशन के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने दी है। उन्होंने बताया कि इन दोनों खातों में जुटाए जाने वाले धन पर आयकर की धाराओं 12 ए और 80 जी आदि में छूट पाने तथा बैंक खातों को खुलवाकर उनके समुचित संचालन आदि वित्तीय मामलों की जिम्मेदारी फाउण्डेशन के एक ही एक सदस्य को सौंपी गयी है। हुसैन के मुताबिक फिलहाल इन दोनों खातों में अपने ही देश के लोगों से आर्थिक सहयोग लिया जाएगा।
दुनिया के दूसरे देशों से आर्थिक सहयोग लेने के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए एफसीआरए खाते का संचालन करना होता है जिसके लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है यह एक लम्बी प्रक्रिया है जिसके बारे में बाद में निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल दो निजी बैंकों में अगले दस-बारह दिनों में खाते खोल दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि जुटाए जाने वाले धन का सारा ब्यौरा आनलाइन रखने के लिए एक पोर्टल भी बनवाया जाएगा। इसके लिए कम्पनी तय कर दी गयी है। इस पोर्टल के लिए आईआईसीएफ डाट काम के नाम से डोमेन भी आवंटित हो गया है।
यह सारे फैसले मंगलवार को फाउण्डेशन के सभी नौ सदस्यों की हुई आनलाइन बैठक में लिये गये। बैठक की अध्यक्षता सुन्नी वक्फ बोर्ड और इस फाउण्डेशन के चेयरमैन जुफर फारूकी ने की जबकि संचालन अतहर हुसैन ने किया।