
पंजाब : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गुरु पूरब के दिन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद पंजाब में भाजपा के गठबंधन साथी रहे शिरोमणि अकाली दल के बीच भरतमिलाप (गठबंधन) होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं इसी कानून को पास करने के बाद ही भाजपा और अकाली दल के बीच तल्खी बढ गई थी और दोनों दलों के बीच सियासी तलाक हो गया था। लेकिन कृषि कानूनों के वापस लेने के साथ ही माना जा रहा है कि अब अकाली दल और भाजपा का टूटा गठबंधन दोबारा जुड़ सकता है।
इस बात का इशारा शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ सूत्र भी कर रहे हैं। क्योंकि कृषि बिलों के खिलाफ केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, और उसके बाद लगातार अकाली दल और भाजपा के बीच तल्खी बढ गई थी।
भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल ने विधानसभा चुनाव से पहले मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी बसपा से गठबंधन कर लिया है। लेकिन, जमीनी सभी सर्वे एवं अनुमान यह बता रहे हैं कि अकाली दल की स्थिति ठीक नहीं है। खासकर नशा एवं श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर शिरोमणि अकाली दल 1997 के बाद अब 2022 के चुनाव में मुददा बनते नजर आ रहे हैं।