बेवजह विकास कार्यों के नाम पर धन निकासी करना फिर उन्हें तोड़ कर नष्ट करना नगर पालिका की व्यवस्था में हो चुका है शामिल
भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे नगर पालिका के अधिकारियों ने गर्मी के महीने में पौधारोपण कर किया लाखो की रकम बर्बाद
कौशाम्बी : मंझनपुर नगर पालिका परिषद क्षेत्र के कस्बा के अंदर सड़क निर्माण नाला निर्माण में जमकर धांधली हो रही है कस्बे के भीतर मस्जिद से लेकर श्याम बाबू नगर पालिका लिपिक घर के पहले तक बनाए जा रहे नाला में मानक की अनदेखी कर ढाई सूत की सरिया नियम से काफी दूर कम संख्या में लगाई जा रही है जिससे नाला कभी भी ध्वस्त हो सकता है नाला निर्माण में मानक के विहीन सीमेंट बालू गिट्टी का प्रयोग ठेकेदार द्वारा खुलेआम किया जा रहा है
लेकिन उसके बाद भी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अवर अभियंता जानबूझकर मूकदर्शक बने हुए हैं एक वर्ष पूर्व कर्बला के पास से बनाए गए नाला को बिना किसी सक्षम अधिकारी के निर्देश के नगर पालिका के जिम्मेदारों ने तोड़कर सरकारी संपत्ति का बड़ा नुकसान किया है बेवजह विकास कार्यों के नाम पर धन निकासी करना फिर उन्हें तोड़ कर नष्ट करना नगर पालिका की व्यवस्था में शामिल हो चुका है।
जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक भेजे गए शिकायती पत्र के माध्यम से शिकायतकर्ता ने कहा कि इस मामले की जांच कराकर सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से कराई जाए नगर पालिका मंझनपुर के नानहुआ के पूरा और गांधीनगर पाता में घटिया क्वालिटी की सड़क बनाई गई है इसकी भी जांच कराए जाने की जरूरत है नगर पालिका क्षेत्र के हैंडपंप के रिबोर के नाम पर लाखों की रकम निकाली जा चुकी है लेकिन हैंडपंप का रिबोर नहीं हो सका है।
बीते 20 दिनों से मानक विहीन नाला निर्माण बेखौफ तरीके से नगरपालिका के कस्बे के अंदर मस्जिद से श्याम बाबू लिपिक के घर के पहले तक हो रहा है सड़क निर्माण में भी मानक का प्रयोग नगरपालिका के ठेकेदार नही कर रहे हैं मंझनपुर कस्बे के मस्जिद के पास से बड़ा नाला पूर्व से बना है जिससे कस्बे का पानी बह कर तालाब में जाता था लेकिन इस बार नाला निर्माण में उस नाले की अनदेखी कर दूसरी तरफ दक्षिण दिशा में नाला का निर्माण करने का प्लान बना कर नाला का ढलान किया जा रहा है
जबकि नया नाला और पुलिया बनाए जाने की आवश्यकता नहीं थी लेकिन कमीशन खोरी के चलते नया नाला और पुलिया को प्रस्तावित किया गया है जो सर्वथा अनुचित है और नया नाला पुलिया बनाए जाने का बिना उद्देश प्रस्ताव किया गया है जिससे भविष्य में नगर में जलभराव की समस्या उत्पन्न होगी और नगर पालिका परिषद क्षेत्र की आम जनता बेवजह सड़कों पर जलभराव से परेशान होगी
नगर पालिका मंझनपुर के लिपिक श्याम बाबू के घर के पास सड़क चौड़ीकरण के नाम पर काम रोक दिया गया है जबकि पूरे नगर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर नगर वासियों के सैकड़ो भवन को तोड़ दिया गया है नगरपालिका के लिपिक श्याम बाबू का भवन ना तोड़े जाने से सड़क की चौड़ाई के मानक में अंतर हो रहा है जो न्याय संगत नहीं है श्याम बाबू के घर के पास रोके गए नाला निर्माण को नए बस स्टॉप तक आगे बढ़ाया जाए
आखिर नगरपालिका के कर्मी के भवन को तोड़ने में पक्षपात क्यों हो रहा है आखिर नगरपालिका लिपिक के किस दबाव में अधिशासी अधिकारी और अवर अभियंता काम कर रहे हैं यह भी जांच का विषय है इतना ही नहीं नगर पालिका क्षेत्र के मंझनपुर चौराहे से जिला अधिकारी आवास रोड पर सड़क के डिवाइडर में पौधारोपण किया जा रहा है सात महीने के बीच तीन बार पौधारोपण कर सरकारी खजाने से लाखो की रकम निकाल ली गई है
लेकिन एक बार भी पौधारोपण नहीं तैयार हो सका है भीषण गर्मी मार्च महीने में फिर समदा रोड सड़क डिवाइडर में पौधारोपण किया जा रहा है जबकि बरसात के महीना जुलाई में पौधा रोपण किए जाने का नियम है इस बात को नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी जानते हैं फिर भी गर्मी के महीने में डिवाइडर में पौधारोपण कर वह सरकारी धन को जानबूझकर बर्बाद कर रहे हैं पौधा को पानी देने के नाम पर प्रतिदिन नगरपालिका का ट्रैक्टर और टैंकर पानी लेकर सड़कों पर आता है
जिसमें कर्मचारी का बेवजह वेतन डीजल और समय की बर्बादी हो रही है इस मामले में भी केवल उनकी कमीशन खोरी की मंशा साफ झलक रही है नियम विरुद्ध और प्रकृति के नियमों के विपरीत पौधारोपण कर कमीशन खोरी करने वाले नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के कारनामों की जांच कराए जाने की जरूरत है नगर पालिका में प्रकाश व्यवस्था के नाम पर भी घटिया क्वालिटी के सामानों का उपयोग कर बड़ी धांधली की गई है जिसकी जांच कराए जाने की जरूरत है
नगर पालिका परिषद मंझनपुर द्वारा बीते 2 वर्षों से विकास के नाम पर किए गए करोड़ो रुपये की हेराफेरी अराजकता धांधली गबन के कारनामों की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अवर अभियंता ठेकेदार वा अन्य जिम्मेदारों को दंडित करते हुए बर्बाद किए गए सरकारी धन की रिकवरी इन सरकारी नुमाइंदों से कराए जाने की मांग पत्र के माध्यम से की गई है।