
सतना : अक्टूबा माह में कश्मीर के शोपियां इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ करते हुए सतना जिले के दलदल गांव निवासी जिस शहीद कर्णवीर सिंह ने अपने जन्मदिन पर ही मां भारती के माथे पर शहादत का तिलक लगाया था, उस शहीद के परिजनों के साथ किए गए वादों को सरकार अब तक पूरा नहीं कर पाई है। शहादत की खबर पाकर विंध्य के कई बड़े नेताओं ने दलदल गांव पहुंचकर शहीद को नमन किया था।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर्णवीर की शहादत को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से मैं उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं। दलदल गांव की धरती ने कर्णवीर जैसे सपूत को जन्म देकर समूचे मध्यप्रदेश को धन्य कर दिया है। उस दौरान वे शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए और शहीद के परिवार को एक करोड़ की सहायता निधि के साथ भाई शक्ति सिंह को नौकरी देने की घोषणा की थी।
इसके अलावा भी कई वादे परिवार के साथ किए गए थे लेकिन उनमें से एक भी वादा पूरा न किए जाने से शहीद का परिवार व्यथित है। ये हुई थी घोषणाएं शहीद के परिवार को एक करोड़ की सहायता निधि। शहीद के भाई शक्ति सिंह को सरकारी नौकरी। गांव में शहीद स्वर्गीय कर्णवीर सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी ताकि आने वाली पीढ़ी उनकी शहादत से प्रेरणा ले सकें। गांव से शहीद के घर तक की सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर किया जाएगा।
विद्यालय अथवा किसी संस्थान का नाम शहीद स्वर्गीय कर्णवीर सिंह के नाम पर किया जाएगा। मुख्य मार्ग के मोड़ पर शहीद के नाम का गेट बनवाया जाएगा। इस बारे में कांग्रेस नेता कमलेन्द्र सिंह कमलू का कहना है कि सरहद की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलि देने वाले शहीद परिवार के साथ किए गए वादों को भूलकर सरकार ने यह जता दिया कि भाजपा के मन में शहीद और शहादत के प्रति कितना सम्मान है। हम परिवार के साथ मिलकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करा उन घोषणाओं को पूरा कराने का प्रयास करेंगे जो वादे सरकार की ओर से किए गए थे। सरकार को शहीदों के प्रति संवेदनशील बरतना चाहिए।