टोक्यो : सोमवार को पीएम मोदी टोक्यो के होटल न्यू ओटानी में भारत के प्रवासी भारतीयों से बातचीत करने पहुंचे, जहां भारतीय प्रवासियों ने भारत माता की जयन और वंदे मातरम के नारों से पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करते हुए कहा, भारत और जापान स्वाभाविक भागीदार हैं। भारत की विकास यात्रा में जापान की अहम भूमिका रही है। जापान के साथ हमारे संबंध घनिष्ठता, आध्यात्मिकता, सहयोग और अपनेपन के हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की आशा बहनों को डायरेक्टर जनरल्स ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया है। भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं। जलवायु परिवर्तन आज विश्व के सामने एक महत्वपूर्ण संकट बन गया है। हमने भारत में इसके स्थाई समाधान के लिए आगे बढ़कर काम किया है। भारत ने 2070 तक नेट जीरो के लिए प्रतिबद्धता जताई है। हमने इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे वैश्विक पहल का भी नेतृत्व किया। आज दुनिया उस गति और पैमाने को महसूस कर रही है जिस पर भारत अपने बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण को बढ़ा रहा है। जापान हमारी इस क्षमता के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
टोक्यो में दोनों देशों के आपसी संबंध पर पीएम मोदी ने कहा, मैं जब भी जापान आता हूं तो मुझे यहां के लोगों का बेहद प्यार मिलता है। आप में से कुछ लोग जापान में वर्षों से रह रहे हैं और इस देश की संस्कृति को अपनाया है। फिर भी, भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति समर्पण लगातार बढ़ रहा है। जापान से हमारा रिश्ता सामर्थ्य का है, सम्मान का है, विश्व के लिए साझे संकल्प का है। जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, बौद्ध का है, ज्ञान का है, ध्यान का है। उन्होंने आगे कहा, स्वामी विवेकानंद जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे, तो उससे पहले वो जापान भी आए थे। जापान ने उनके मन मस्तिष्क पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा था।