माधौगढ़ (जालौन) राम जानकी मंदिर व्यास पीठ सुरवली माधोगढ़ में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सप्तम व समापन दिवस पर महंत गोपाल शरण जी महाराज ,ने भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि दिव्य ज्ञान से मानव अपने जीवन का कल्याण कर सकता है। ज्ञान के बिना इंसान अपने जीवन के सर्वोच्च स्थान को नहीं प्राप्त कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि वह धर्म का अनुशरण करे। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति का आचरण भी उच्च हो। बिना इसके ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं। भगवान ने कैसे परीक्षित को उत्तम लोक की प्राप्ति कराई। श्री सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को भागवत महापुराण सात दिन के अंदर सुना कर उन्हें भगवत धाम का अधिकारी बनाया। मरने वाले व्यक्ति को क्या करना चाहिए, इस प्रश्न के उत्तर में श्री सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक भागवत सुनाई। जब तक्षक नाग राजा परीक्षित को डसने आया, उससे पहले राजा परीक्षित भगवान के धाम में मन लगा कर बैठ गए और तक्षक का स्पर्श होने से केवल शरीर नष्ट हुआ आत्मा को कोई कष्ट नहीं। इतना दिव्य ज्ञान श्री सूतजी महाराज ने ऋषियों को दिया। भागवत महापुराण का सदा श्रवण करना चाहिए कथा व्यास ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए मित्रता का बखान किया। कथा में संरक्षक जानकी शरण दीक्षित ,आचार्य पंकज शास्त्री जी सहायक आचार्य बृज बिहारी अमरदीप परीक्षित श्री मती कृष्णा बहन जी ( पूर्व प्रधानाचार्य उरई )