उरई जालौन । फर्जी भुगतान होने के बावजूद नहीं कर पाए कोई भी कार्रवाई बीते मान मई का मामला है कि कदौरा विकासखंड के क्षेत्र पंचायत कार योजना के अंतर्गत एक गांव पंचायत में एक संपर्क मार्ग का निर्माण कर मनरेगा योजना के अंतर्गत मनरेगा जॉब कार्ड धारक श्रमिकों के द्वारा करवाया गया था।और उसी के क्रम में उस संपर्क मार्ग की श्रमिकों के भुगतान के लिए डिमांड लगाई गई थी और उसी डिमांड के आधार पर मनरेगा योजना के अंतर्गत तकरीबन ₹900000 का भुगतान कदौरा विकासखंड के वीडियो द्वारा किया गया है और संबंधित मामले की शिकायत उसी भुगतान के सापेक्ष जिला अधिकारी निवर्तमान प्रियंका निरंजन के समक्ष की गई थी जिस पर उन्होंने संबंधित फर्जी भुगतान के मामले की शिकायत को देखते हुए पूरे मामले की जांच लघु सिंचाई के अधिशासी अभियंता विजय कुमार को सौंपी गई थी । तो शिकायत के आधार पर अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई विजय कुमार और मुख्य विकास अधिकारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव संबंधित मामले की जांच करने के लिए कदौरा विकासखंड की उक्त ग्राम पंचायत में पहुंचे थे और उस जांच रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था कि जिओ श्रमिक इस संपर्क मार्ग पर निर्माण कार्य में दर्शाए गए हैं और जिनके नाम की डिमांड लगी हुई है उनमें से कई श्रमिक कई साल पहले मृतक भी हो चुके हैं।
और मजे की बात यह है कि मृतक हुए मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के खाते में से पैसा निकलकर किसके हस्ताक्षर और अंगूठा से बाहर हो गया इसका अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है और अपनी गर्दन फंसते देख डीसी मनरेगा अवधेश कुमार दीक्षित ने सीडीओ जालौन अवधेश कुमार श्रीवास्तव के नाम प्रशासन में शिकायत दर्ज करा कर अपने आप को मजबूत करने के लिए एक खंभा गाड़ने का प्रयास किया है और उस शिकायत में कहा गया है कि मुख्य विकास अधिकारी जालौन अवधेश कुमार श्रीवास्तव के द्वारा हमें प्रताड़ित किया जा रहा है और हमारे जान माल को खतरा है अगर मुझे कुछ होता है तो हमारे जनपद जालौन के सीडीओ हमारी मौत के जिम्मेदार होंगे ऐसी शिकायत को देखते हुए जिले के मुख्य विकास अधिकारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव अपने आप में मोनू साबित हो रहे हैं और जिले में मनरेगा योजना के तहत कई सैकड़ों करोड़ का फर्जी भुगतान जनपद जालौन के 9 विकास खंडों में अभी तक किया जा चुका है सैकड़ों शिकायतों के बावजूद किसी भी तरह की कोई भी कार्यवाही डीसी मनरेगा या जिलाधिकारी महोदय जालौन के द्वारा अमल में नहीं लाई जा रही है जिससे यह साफ होता है कि उपायुक्त मनरेगा अपने आप में एक हिटलर शाही के चलते कई करोड़ों का फर्जी भुगतान करा कर अपने परिवार का खाता मजबूत करने में लगे हुए हैं इनके खातों की जांच इनके परिजनों के खातों की जांच डीएम संगत हो जाए तो इनके विरुद्ध भी एक बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है ।