
लखनऊ : बारगाह ए सानिये ज़हरा स.अ पुराना तोपख़ाना, बालागंज में ख़मसा ए मजालिस का इनएक़ाद किया गया ख़मसे की मजलिसों को हुज्जतुल इस्लाम आली जनाब मौलाना सैयद बाक़र अली ज़ैदी साहब क़िब्ला ने ख़िताब किया। ख़मसा ए मजालिस की पांचों मजलिसें ब उनवान ए ग़दीरे ख़ुम और ख़ुतबा ए ग़दीर से मुनअक़िद हुई
मजलिस में ख़ुदा के हुक्म से रसूल अल्लाह स.अ वालेही वसल्लम के ऐलाने ग़दीर जिसमें विलायत ए अमीरूल मोमेनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम का ऐलान किया गया तफसील से बयान किया गया और रसूल अल्लाह के सबसे तवील ख़ुत्बे को बयान किया गया।ख़मसे के आखिरी दिन रात भर शब्बेदारी हुई जिसमें शहरे अज़ा लखनऊ की मशहूर ओ मारूफ़ अंजुमन हाय मातमी ने नौहा ख़्वानी और सीनाज़नी की।
अंजुमनों में अंजुमन ए दरबारे हुसैनी, अंजुमन ए नासिरया, अंजुमन ए नूरे हुसैन, अंजुमन दुआऐ ज़हरा, अंजुमन ए सिपाहे हुसैनी, अंजुमन ए पैग़ामे अली शामिल हैं।शब्बेदारी के बाद सुबह अलमे मुबारक बरामद किया गया।