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लोगों से संवाद के ज़रिये ही सामने आयेंगी असल समस्याएँ- ऋचा सिंह

समता सद्भावना संवाद यात्रा सातवें दिन पहुंची हसनापुर

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सीतापुर। संगतिन किसान मजदूर संगठन और समता युवा मंच द्वारा जिले के चार ब्लाकों में 175 किमी की दूरी तय करने वाली समता सद्भावना संवाद यात्रा सातवें दिन ग्राम हसनापुर पहुंची| जहाँ ग्रामवासियों ने मनरेगा में काम न मिलने तथा छुट्टा जानवरों से लेकर अन्य कई समस्याओं से सद्भावना यात्रियों को अवगत कराया। संगतिन संयोजक ऋचा सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों से संवाद करना बेहद ज़रूरी है| बातचीत के ज़रिये एक दूसरे का दुख दर्द साझा करने के साथ ही समाज और क्षेत्र की असल समस्याएँ भी सामने आती हैं| समता सद्भावना संवाद यात्रा के ज़रिये लोगलगातार जुड़ रहे हैं और अपनी बात के ज़रिये अपने क्षेत्र और समाज की खामियों और समस्याओं पर बात कर रहे हैं|

रामनगर ग्राम पंचायत में रेलवे लाइन के नीचे बने रास्ते में जलभराव की समस्या सामने आई जिससे ग्रामीणों और आवागमन कर रहे राहगीरों को रोजाना इस समस्या से जूझना पड़ रहा है| लोगों ने बताया कि जलभराव से निजात पाने के लिए सम्बंधित कर्मचारियों को अवगत भी कराया जा चुका है समस्या ज्यों की त्यों है कोई समाधान नहीं किया गया|

इसके बाद यात्रा ग्राम मानिकपुर पहुंची जहाँ गाँव में घुसते ही बड़ी संख्या में लोग इकठ्ठा हो गये और उन्होंने बताया कि किसान अपनी फसल को बर्बाद होने से बचाने के लिए दिन रात खेतों पर ही पहरा दे रहे हैं। सिंचाई के लिए किसानों को दिन के बजाय रात में मिल रही है जिससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज व दवा के अभाव की समस्या को भी स्थानीय निवासियों ने जोर-शोर से उठाया|

इसके पश्चात मनिकापुर के निवासियों ने मिलकर समता सद्भावना संवाद यात्रा के यात्रियों को भोजन कराया और यहाँ से यात्रा डिघरा गाँव के लिए प्रस्थान कर गयी|

सद्भावना यात्रियों ने डिघरा गाँव में पहुंच कर लोगों के साथ मीटिंग के दौरान वार्तालाप किया| यात्रा इसके बाद बांसी ग्राम पंचायत पहुंची जहाँ बैठक में लोगों की तमाम समस्याएँ सामने आयी| लोगों ने बताया कि गाँव के भीतर सड़क चौड़ीकरण करने से लोगों को परेशानी हो रही है। जो मकान सड़क के किनारे पर हैं उन्हें तोड़ने की नौबत आ गयी है जिससे लोग काफी भयभीत हैं और प्रशासन से उचित और निष्पक्ष कारवाही की अपेक्षा कर रहे हैं| यहाँ से यात्रा बांसी से चकड़ेरा गाँव से होते हुए मकड़ेरा पहुंची और जहाँ यात्रियों ने रात्रि विश्राम किया|

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