पिछले सरकारो में ज्ञानवापी में स्थित माता श्रृंगार गौरी को जैसे कैद कर लिया हो ऐसा ही कृत्य किया गया था। वहाँ दर्शन पूजन सब बंद कर दिया गया था। लेकिन काफी संघर्षों के बाद वर्ष २००४ मे एक दिन के दर्शन पूजन हेतु मंदिर खुला चैत्र नवरात्रि की चतुर्थी को,तब से आज तक इस परम्परा को काशीवाशी निभाते चले आ रहे हैं। वर्ष में एक दिन के लिए खुलने वाले इस मंदिर ज्ञानवापी स्थित माता श्रृंगार गौरी का दर्शन खुलते ही भक्तों का आने का क्रम चालू होगया
आज चौक पर स्थित चित्रा सिनेमा के पास सभी भक्त जन एकत्रित होकर हाथों में पूजन सामग्री माला-फूल, प्रसाद,नारियल, ध्वज लेकर माता की जयकार करते हुए गुलशन कपूर काशीपुत्र के नेतृत्व में ज्ञानवापी पहुँचे वहां पहुंच कर सर्वप्रथम माता का ज्ञानवापी कूप के जल से स्नान कराया गया फिर गुलाब, अढुल,बेला के फूल से श्रृंगार किया गया तत्पश्चात माता को सिन्दूर अर्पण करके विविध मिष्ठान,का भोग लगाकर आरती कि गयी, इसके बाद सभी भक्त हाथों में नारियल लेकर मंदिर की परिक्रमा किये व नारियल चढाया और माता रानी से विश्व कल्याण, मानव समाज की रक्षा व भव्य माता का मंदिर बने इसके लिए प्रार्थना किया ।
उक्त आयोजन में जिन्होंने बड़ी ही सुगमता से दर्शन पूजन सम्पन्न कराया उन्हें धन्यवाद दिया गया,और मंदिर प्रशासन द्वारा मुख्य द्वार बंद रखने व जमीन के जलते पत्थर व माता के पास छज्जा की व्यवस्था ना किए जाने के कारण शिकायत दर्ज करायी गयी
उक्त आयोजन में गुलशन कपूर,काशीपुत्र के साथ पं.विजय शंकर पांडेय,श्रीमहंत अश्विन पांडेय, राजू पाठक,संतोष सेठ,कुश अग्रहरी,संदीप चतुर्वेदी,संजय वर्मा,नीरज गुप्ता,राकेश मिढा,नंद किशोर अरोड़ा,अजय सिंह पटेल,सुनिल श्रीवास्तव,संजय गुप्ता, स्वाइश्री,विरेन्द्र श्रीवास्तव,ओम प्रकाश जयसवाल,नित्यानंद त्रिपाठी,राजेश गुप्ता सहित सेंकड़ों भक्त, बटुक, महिलाएं शामिल हुए ।