प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी, जिसमें कई राजनीतिक दल के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों और कई देशों के राजदूतों ने भाग लिया. नई संसद का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर होगा. हालांकि विपक्ष के तमाम नेताओ ने इसका विरोध करते हुए नाराजगी जताई थी की नए संसद भवन की कोई जरुरत नहीं थी।
हालाँकि सेंट्रल विस्टा की वेबसाइट के मुताबिक – 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन के आधार पर लोकसभा सीटों की संख्या 545 पर बनी हुई है। 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर रोक केवल 2026 तक है। बैठने की व्यवस्था तंग और बोझिल है, दूसरी पंक्ति के आगे कोई डेस्क नहीं है। सेंट्रल हॉल में केवल 440 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। जब संयुक्त सत्र होते हैं तो सीमित सीटों की समस्या बढ़ जाती है। आवाजाही के लिए सीमित जगह होने के कारण यह एक बड़ा सुरक्षा जोखिम भी है. इसलिए नए संसद भवन की जरूरत पड़ी।
प्रधानमंत्री मोदी का औचक निरीक्षण-
कल यानी बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेन्ट्रल विस्टा स्थित नए संसद भवन का औचक निरीक्षण किया। जहां प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन के डिजिटल वर्क को भी परखा। प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन मे करीब एक घंटे से अधिक समय बिताया और विभिन्न कार्यों को समझा। प्रधानमंत्री ने वर्तमान मे चल रहे कार्य का निरीक्षण किया और साथ ही वहां कर्मचारियो से मुलाकात भी की।
कैसा है नया संसद भवन –
नए संसद भवन में क्रमशः 770 सीटों और 384 सीटों की क्षमता वाले बड़े लोकसभा और राज्यसभा हॉल होंगे. संयुक्त सत्र की मेजबानी के लिए लोकसभा हॉल में 1140 सीटों तक की अतिरिक्त क्षमता भी होगी.
हालांकि प्रधानमंत्री के औचक निरीक्षण से नए संसद भवन की नई तस्वीरे सामने आई है। नया संसद भवन शिल्प कला और जनजातीय कला ,लोक कला को दर्शाएगा साथ ही समिति कक्ष, संसदीय कार्य मंत्रालय के प्रमुख कार्यालय, लोकसभा सचिवालय और राज्यसभा सचिवालय जैसी आवश्यक सुविधाओं के साथ, भवन में सार्वजनिक रूप से सुलभ संग्रहालय-श्रेणी की दीर्घाएं और प्रदर्शनियां भी शामिल होंगी.
इतना ही नही बल्कि डिबेटिंग हाल मे लगे फर्नीचर मे स्मार्ट डिस्प्ले और बायोमेट्रिक्स शामिल हैं जिससे आसानी और सुविधा होगी।