ये लोग अपनी फूंकों से अल्लाह की रोशनी को बुझाना चाहते हैं, लेकिन अल्लाह अपनी रोशनी को पूरा कर के रहता है। मौलाना फ़िरोज़ अली
लखनऊ: के शीशमहल स्थित सैयद ताहिर हुसैन के घर पर मजलिस का आयोजन किया गया मजलिस की शुरुआत मौलवी नकी अब्बास सल्लमहू ने पवित्र कुरान की तिलावत के साथ की। पेशख़्वानी के फ़रायज़ मुआमिल सल्लमहू, मौलवी आयत सल्लमहू, मौलाना आमिर अब्बास साहब ने अदा किए और सोजख़्वानी के फ़रायज़ जनाब साहिल साहब और उनके हमनवा ने अंजाम दिये।
मजलिस को मौलाना फ़िरोज़ अली बनारसी ने खिताब किया।अपने बयान में कहा कि ये लोग अपनी फूंक से अल्लाह की रोशनी को बुझाना चाहते हैं, लेकिन अल्लाह अपनी रोशनी को पूरा करता रहता है, भले ही इससे काफिरों को नाराजगी हो।
मौलाना ने कहा कि इंसान के अंदर सबसे पहली चीज जो पैदा होती है वह ईर्ष्या है। और कुरान के वारिस के जिंदा होने का तर्क यह है कि कुरान में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। मजलिस के आखिर में उन्होंने छोटे बच्चों की प्यास का जिक्र किया और अंत में उन्होंने इमाम हुसैन की बेटी हज़रत सकीना के मसायब बयान किये। यह सुनकर अज़ादारों की आंखें डबडबा गईं। मजलिस के आखिर में नौहाख़्वानी और सीनाज़नी हुई।