कहानी है रूस और इज़राईल की दोहरी नागरिकता रखने वाले एक यहूदी कारोबारी की , रूस में कारोबार कर रहे आंद्रे गैलचेविहेस्की की आयु 60 साल है यह रूसी कारोबारी रहता तो रूस में था लेकिन इसे प्रेम था यूक्रेन से , यह फैन था यूक्रेन के यहूदी राष्ट्रपति जे़लेंसकी का ।
रूस यूक्रेन युद्ध में इसकी पूरी साहनिभूति यूक्रेन के साथ थी । इसने मन ही मन यूक्रेन जाकर रूस के विरुद्ध लड़ने की ठानी इसके लिए इसने इजराइल में मौजूद यूक्रेन की एंबेसी से संपर्क किया । इसराइल से सैकड़ो की संख्या में लोग यूक्रेन जंग में यूक्रेन का साथ देने के लिए लड़ रहे हैं आंद्रे ने यूक्रेन पहुंचने के लिए एक रणनीति बनाई इसके लिए उसने मास्को से बेलारूस की राजधानी मिंसक के लिए एक हवाई टिकट लिया
और मिंसक से सड़क मार्ग से लिथुआनिया जाने के लिए व्यवस्था की और होटल बुक कराया । इसके इस यात्रा प्रबंधन ने रूसी खुफिया अधिकारियों का ध्यान इसकी और आकर्षित किया । इसे पकड़ लिया गया और पूछताछ में उसने यूक्रेन जाने की बाद स्वीकार की और साथ ही बताया कि इसने यूक्रेनी सेना में एक वालंटियर के तौर पर लड़ने के लिए अपना नाम पहले ही दर्ज करा दिया है ।
ये इस साल अक्टूबर के महीने में गिरफ्तार किया गया । समाचार एजेंसी ताश के अनुसार रूस की एक अदालत ने इसे 11 साल की सजा सुनाई और चार लाख रूबल का अर्थ दंड दिया है । यह है एक रूसी यहूदी के जज़्बाती सफर के अंत की कहानी ।
सौंजन्या: मिर्ज़ा शिबली बेग