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मुहम्मद साहब के जन्मदिवस के अवसर पर 12वीं रबी उल अव्वल को शाहमीना शाह से निकाला गया जुलूस ए मुहम्मदी।

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लखनऊ में 12 रबी-उल-अव्वल को ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस निकलने का सिलसिला जारी है। चौक स्थित दरगाह शाहमीन शाह से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जा रहा है। अमीनाबाद झंडे वाली पार्क से जुलूस-ए- मदहे सहाबा निकल रहा है। दोनों जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदत मंद शामिल हुए। पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश कि खुशी में निकाले जा रहे हैं जुलूस में लोग धार्मिक नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं।

पैगम्बर मोहम्मद कि याद में निकाला जा रहा है जुलूस

अमीनाबाद झंडे वाली पार्क से निकल रहे जुलूस-ए-मदहे सहाबा का नेतृत्व ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महिला , मौलाना अब्दुल अजीम कर रहे हैं। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि लखनऊ का यह ऐतिहासिक जुलूस है जो विगत कई दशक से निकल रहा है । ये जुलूस  अमीनाबाद से शुरू होकर मौलवी गंज ,रकाबगंज ,नादान महल रोड , नख्खास,  टूरिया गंज , हैदरगंज होते हुए ऐशबाग ईदगाह में जुलूस का स्वागत होगा और वही इसका समापन। मौलाना ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी जुलूस में हजारों की तादाद में अकीदत मंद शामिल हुए हैं। इस जुलूस मे मुसलमानों के अलावा विभिन्न धर्म के लोग शामिल होकर पैगंबर मोहम्मद साहब के पैदा होने की खुशी मना रहे हैं। आज सिर्फ लखनऊ में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ईद मिलादुन्नबी के रूप में पैगंबर मोहम्मद साहब के आने की खुशी मनाई जा रही है।

पैगम्बर मानवता का संदेश लेकर दुनिया में आए

चौक स्थित दरगाह शमीना शाह से निकलने वाले जुलूस का नेतृत्व कर रहे मुफ्ती इरफान मियां फरंगी महली ने सभी लोगों को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद पेश किया। मुफ्ती इरफान मियां ने कहा कि सिर्फ इंसानों के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए आज का दिन सबसे मुबारक दिन है। आज के दिन पैगंबर मोहम्मद  साहब तशरीफ लाए जिनके द्वारा पूरे समाज को शांति और मानवता का पाठ पढ़ाया गया। पैगंबर मोहम्मद साहब अरब मुल्क में पैदा हुए मगर हिंदुस्तान को विशेष रूप से याद किया। आज के दिन जुलूस निकाल कर खुशी मनाना हमारे बुजुर्गों का तरीका रहा है। इस जुलूस में शामिल सबको मेरा यही संदेश है कि दूसरे के धर्म का सम्मान करें। आपस में मिलजुल कर रहे और गरीबों की मदद जरूर करें ।

जुलूस में बंट रहा है लंगर

जुलूस में बड़ी संख्या में लोग अपने संगठन का झंडा और बैनर लेकर शामिल हुए। जुलूस में आने वाले लोग बग्गियों पर सवार होकर आए। अमीनाबाद और चौक से निकलने वाले दोनों ही जुलूस में लोग धार्मिक नारे लगाते हुए गुजर रहे थे। ईद मिलादुन्नबी की खुशी मना रहे लोग जुलूस में नात और दरूद भी पढ़ रहे थे। जुलूस के मार्ग पर जगह-जगह सबील और लंगर की व्यवस्था की गई है।

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