SINDHE: महाराष्ट्र में सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में न्यायमूर्ति शिंदे समिति की दूसरी और तीसरी रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। जिसका गठन ऐतिहासिक अभिलेखों के आधार पर कुनबी-मराठा और मराठा-कुनबी प्रमाण-पत्र जारी करने के प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देने के लिए किया गया था। बता दें कि कुनबी (एक कृषि समुदाय) को महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) खंड के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
राज्य में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 38 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें से कुछ मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में सड़क और मेट्रो रेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से जुड़े थे। न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) समिति ने पिछले दिसंबर में अपनी दूसरी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया था।
महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने ठाणे रिंग मेट्रो परियोजना के लिए 12,200 करोड़ रुपये के संशोधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है और ठाणे-बोरीवली सुरंग मार्ग के लिए ऋण के माध्यम से 15,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। राज्य में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा और आचार संहिता लागू होने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार लगातार कैबिनेट बैठकें कर रही है।
इससे पहले 23 सितंबर को हुई मंत्रिपरिषद की पिछली बैठक में सरकार ने तीन कुनबी उपजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कैबिनेट बैठक को लेकर अधिकारियों ने बताया कि पिछली कैबिनेट बैठक में कुल 24 फैसले लिए गए थे, जिसमें गाय के दूध उत्पादकों को 7 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी जारी रखना भी शामिल है।