नई दिल्ली:भारत के राजनीतिक इतिहास में पहली बार उप-राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया है। यह प्रस्ताव विपक्षी गठबंधन इंडिया द्वारा राज्यसभा में लाया गया, जिसमें सभापति और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर पक्षपात और संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं। इस अभूतपूर्व कदम ने भारतीय राजनीति में नई चर्चा का विषय पैदा कर दिया है।
विपक्ष का आरोप धनखड़ की भूमिका पर सवाल
विपक्ष का कहना है कि धनखड़ सदन की अध्यक्षता करते समय पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हैं और विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं देते। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे मजबूरी का कदम बताते हुए कहा कि विपक्षी दलों के पास और कोई विकल्प नहीं बचा था। धनखड़ पर यह भी आरोप है कि वह सत्तारूढ़ पार्टी के हितों के अनुरूप सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं