
इमाम मेहदी अ फ़. की विलादत 15 शाबान से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पत्र से शिया समुदाय में खुशी की लहर।
लखनऊ Live: वफा अब्बास की कोशिशों का बड़ा असर, सामरा गार वाली करबला में सुधार कार्यों को मिलेगी तीव्र गति।
हजरत इमाम मेहदी (अ.फ.) की विलादत से एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के विशेष कार्याधिकारी
के.पी. सिंह द्वारा जिलाधिकारी लखनऊ को भेजे गए पत्र से मुसलमानों, विशेषकर शिया समुदाय में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इस पत्र में हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन सामरा गार वाली करबला खदरा में सफाई, सोलर लाइट्स, पानी की व्यवस्था, मेडिकल कैंप और वृक्षारोपण जैसी बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने की सिफारिश की गई है।
वफा अब्बास की कोशिशों का बड़ा असर, सामरा गार वाली करबला में सुधार कार्यों को मिलेगी गति
इस ऐतिहासिक कदम को अंबर फाउंडेशन के चेयरमैन वफा अब्बास की लगातार की जा रही कोशिशों का नतीजा माना जा रहा है। उन्होंने समाजसेवी अली आगा और सेव वक्फ इंडिया मिशन के वाइस प्रेसिडेंट सैयद रिजवान मुस्तफा के साथ मिलकर सामरा गार वाली करबला की दुर्दशा को देखा था दौरा किया था और सुधारने के लिए लगातार अपील की थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस पत्र के आने के बाद शहर के शिया समुदाय को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पवित्र स्थल का सुंदरीकरण और वहां जनसेवा के कार्यों में तेजी आएगी।
रक्षा मंत्री के पत्र ने खोला सुधार का रास्ता
संख्या 164/र.मं./वि.का.अधि./2025 के तहत जारी इस पत्र में वफा अब्बास द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया गया है। इसमें खासतौर पर हर महीने विलादत और शहादत के अवसरों पर विशेष मेडिकल और आई कैंप आयोजित करने, स्थायी सफाई व्यवस्था लागू करने, गाड़ियों की अवैध पार्किंग रोकने और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
वफा अब्बास की कोशिशों से जल्द दिखेगा असर
इस ऐतिहासिक फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए वफा अब्बास ने कहा, “यह सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि पूरी उम्मत की जीत है। हमारा मकसद सामरा गार वाली करबला को एक आदर्श धार्मिक स्थल बनाना है, जहां हर जायरीन को बेहतरीन सुविधाएं मिलें। अब जिलाधिकारी और हुसैनाबाद ट्रस्ट को इस निर्देश पर त्वरित अमल करना चाहिए।”
शिया समुदाय में हर्ष, 15 शाबान पर बड़ा जश्न
यह पत्र ऐसे समय में आया है जब कल 15 शाबान को इमाम मेहदी (अ.फ.) की विलादत का मुबारक दिन मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर से पहले यह पत्र आने से शिया समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है। लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि सामरा गार वाली करबला की देखरेख में सुधार होगा और इंसानियत की सेवा के लिए किए जाने वाले कार्यों को और मजबूती मिलेगी।
अब प्रशासन की जिम्मेदारी
अब यह देखना होगा कि जिलाधिकारी लखनऊ और हुसैनाबाद ट्रस्ट इस ऐतिहासिक निर्देश पर कितनी तेजी से अमल करते हैं। शिया समुदाय की मांग है कि 15 शाबान के जश्न के दौरान ही इस स्थल के सुंदरीकरण और सुविधाओं को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो जाए।
क्या सामरा गार वाली करबला को अब एक आदर्श धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा? यह आने वाले दिनों में प्रशासन के कदमों से साफ होगा। लेकिन इतना तय है कि वफा अब्बास की कोशिशों से यह मुकाम अब लावारिस नहीं रहेगा।