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पटरी दुकानदारों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है नगर निगम और प्रशासन

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लखनऊ : कोरोना महामारी के चलते 6 महीने से पटरी दुकानदार अपनी दुकाने नहीं लगा पा रहे हैं। जिसकी वजह से दुकानदार भुखमरी की कगार पर आ चुके हैं। अनलॉक के बाद राजधानी लखनऊ में सरकारी गाइड लाइन के मुताबिक मॉल मार्केट मेट्रो रेल सभी चीज़ चलाने की अनुमति दे दी गई लेकिन पटरी दुकानदारों को अभी तक के दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी गई जिसकी वजह से आर्थिक तंगी के चलते हुए पटरी दुकानदार ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली

जिसके बाद लखनऊ नगर आयुक्त ने पटरी दुकानदारों को आश्वासन दिया कि उनकी दुकानें फिर से पहले की तरह लगेगी लेकिन आज नगर आयुक्त के आदेश के बाद दुकानदारों ने जैसे ही दुकान खोली नगर निगम के कुछ कर्मचारी उनसे कहते हैं कि अपना सामान यहां से लेकर चले जाएं नहीं तो दुकानदारों के ऊपर कार्रवाई होगी जिसके बाद दुकानदारों ने अमीनाबाद में विरोध प्रदर्शन किया । नगर आयुक्त की मौजूदगी में पट्टी दुकानदार ने आत्महत्या करने की कोशिश की। वहीं कुछ दुकानदारों ने आत्महत्या करने से दुकानदार को रोक लिया है मौके पर बड़ी तादाद में पुलिस बल मौजूद रहा लगातार मीटिंग में का दौर जारी है लेकिन नतीजा नहीं निकला है देखने वाली बात यह होगी की पट्टी दुकानदारों के लिए शासन प्रशासन द्वारा क्या मदद की जाती है

लॉकडाउन में सबसे ज्यादा पटरी दुकानदार और छोटे दुकानदारों की लिए मुसीबत आई है प्रशासन और नगर निगम को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि यह छोटे दुकानदारों पटरी दुकानदार जो कुआं खोद के पानी पीते हैं आखिर वह कैसे अपने और अपने परिवार का पेट पालेंगे।लॉक डाउन का सहारा लेकर के कुछ सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करने पर तुले हुए हैं और जगह-जगह वसूली करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे ये प्रतिदिन कमा कर अपना जीवन यापन करने वाले दुकानदार बहुत परेशान हैं।

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