लखनऊ: इमामबाड़ा सैयद मोहम्मद हैदर जैदी अबुतालिब अर्पाटमेंट नक्खास में एक मजलिसे अजा का आयोजन किया गया । मजलिस को मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी ने खिताब किया। मौलाना ने अहलेबैत की फजीलत व अजमत को बयान करते हुए कहा कि पैगम्बरे इस्लाम (स) ने कहा है कि अपनी मजलिसों को जिक्रे अली (अ.स.) से जीनत दो, क्योंकि अली का जिक्र करना व सुन्ना इबादत है। उन्होंने कहा कि हजरत रसूले खुदा (स.) अपने नवासे से बहुत मोहब्बत करते थे।
वह कहते थे हुसैन मुझसे हैं और मैं हुसैन से हूं। मजलिस का आगाज कारी हबीब आलम रिजवी ने तिलावते कुराने पाक से किया। मजलिस के बाद नौहाखान खुर्रम अली ने ‘अभी अभी मेरे असगर को नींद आयी है” नौहा पढ़ा। इसके बाद ऐनुल हुसैन रिजवी ने भी नौहा पढ़ा। महिलाओं की मजलिस कोे निलोफर रिजवी (रीना) ने खिताब करते हुए हजरत अब्बास (अ.स.) शहादत व उनकी मासूम भतीजी जनाबे सकीना (स.अ.) पर पड़ी मुसीबतों को बयात किया तो अजादार रोने लगे। इस दौरान जनाबे सकीना (स.अ.) के ताबूत की जियारत भी करायी गयी। इसके बाद अकबर हुसैन ने मौला अब्बास का अलम उठाया।
आग पर मातम हुआ
लखनऊ। कर्बला मलका जहां ऐशबाग में बृहस्पतिवार को आग पर मातम का आयोजन हुआ। इस मौके पर मजलिस को मौलाना यासूब अब्बास ने खिताब किया। मजलिस के बाद अजादार दहकती आग पर या हुसैन,या हुसैन कहते हुए गुजर गये। इसके साथ ही अजादारों ने जंजीर का भी मातम किया। कार्यक्रम का आयोजन पंजेतनी कमेटी ने किया था।