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कानपुर के बाद अब लखनऊ में भी जीका वायरस ने दी दस्तक : दो मरीज मिलने

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लखनऊ : जीका वायरस की दस्तक से हुसैनगंज और कृष्णानगर इलाके में हड़कंप मच गया है। वायरस को लेकर लोगों में दहशत मच गई है। स्थानीय लोग घरों में कैद हो गए। घर से बाहर निकलने में घबराते नजर आए हुसैनगंज के फूलबाग में गलियां काफी सकरी हैं। फागिंग और कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के दौरान काफी भीड़ जुट गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों को जीका वायरस के प्रति जागरुक किया। लोगों को वायरस के लक्षण और बचाव के बारे में जागरुक किया कानपुर, कन्नौज समेत दूसरे स्थानों से आने वालों पर खास नजर रखने की सलाह दी है। बुखार पीड़ितों की डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है। मच्छरदानी लगाकर सोने के लिए कहा गया है

शरीर पर चकत्ते दिखे तो तुरंत डाक्टर से सलाह लें

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि बुखार पीड़ित यात्रियों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इन मरीजों की निगरानी भी कराई जा रही है। कोविड कमांड सेंटर से इन लोगों से नियमित सेहत का हाल लेने में निर्देश दिए गए हैं। ताकि बाद में लक्षण नजर आने पर समय पर मरीज की पहचान और इलाज मुहैया कराया जा सके। जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान हैं। किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर से काटे जाने से बीमारी हो सकती है। बुखार पीड़ित के शरीर पर यदि चकत्ते नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें

बुखार आने पर बहुत घबराएं नहीं

स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी के मुताबिक मौसम तेजी से बदल रहा है। ऐसे में बुखार, सर्दी-जुकाम जैसी समस्या बढ़ गई है। जाड़ा लगकार तेज बुखार आने पर संजीदा रहे। डॉक्टर की सलाह लें। बुखार आने पर बहुत घबराएं नहीं। सभी बुखार जीका या डेंगू नहीं होते हैं। डेंगू से घबराएं नहीं। संजीदा रहें। घर के आस-पास साफ सफाई रखें। पानी न जमा होने दें। कुछ समय अन्तराल पर कूलर को खाली करके साफ कपड़े से पोछ कर सूखाएं। बच्चों को घर से बाहर न निकलने एवं मच्छररोधी क्रीम लगाएं। इससे काफी हद तक डेंगू से बचाव संभव है

जीका क्या है

जीका विषाणु से होने वाला मच्छरजनित रोग है। इसकी जांच खून के नमूने से होती है। यह एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से होता है। यह संक्रमित से असुरक्षित संभोग, ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी हो सकता है। इसके मच्छर दिन के अधिक सक्रिय रहते हैं

जीका के लक्षण

1-आंखें लाल होना

2-सिर में दर्द

3-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

4-थकावट

5-लक्षण आमतौर पर दो से सात दिनों तक चलते हैं

6-घबराहट

7-बेचैनी

8-कुछ मामलों में जीका से लकवा हो सकता है

9-कुछ लोगों में बुखार, चकत्ते, जोड़ों में दर्द हो सकता है।

बचाव

1-घर के आस-पास पानी न जमा होने दें

2-फुल आस्तीन के कपड़े पहने

3-मच्छरदानी लगाकर ही सोंए

4-पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

5-बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह लें।

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