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राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर मायावती को याद आया आपातकाल का दौर कहा-घोर स्वार्थ की राजनीति है

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राहुल गाँधी After the cancellation of Rahul Gandhi s membership Mayawati remembered the era of emergency and said  politics of extreme selfishness राहुल गाँधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द किये जाने के बाद हर राजनीतिक पार्टी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही है। कुछ पार्टियां उनके सहयोग में हैं। अब इसी मुद्दे पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस को 1975 की याद दिलाते हुए प्रश्न किया है।

बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट करते हुए लिखा पहले कांग्रेस व अब BJP सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति की है। इसी राजनीति के कारण ग़रीबी, बेरोज़गारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के ज़रूरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने दूसरे भाग में कहा, इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था। अब उनके नेता श्री राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित? एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष , नफ़रत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है।
ट्वीट को जारी रखते हुए अंतिम भाग में उन्होंने लिखा कि यह स्पष्ट है कि देश की आज़ादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहाँ रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान के हिसाब से चलती। उसकी पवित्र मंशा तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं। भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता।

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