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जिले के बेसिक स्कूलों में तैनात पांच और शिक्षकों की मौत

आगरा : जिले के बेसिक स्कूलों में तैनात पांच और शिक्षकों की मौत हो गई है। इसमें से चार परिषदीय स्कूलों में और एक सहायता प्राप्त विद्यालय में कार्यरत थे। पांच में से चार शिक्षक पंचायत चुनाव की ड्यूटी से लौटने के बाद बीमार हुए थे। इससे अन्य शिक्षकों में दहशत का माहौल है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) ने मुख्यमंत्री से मतगणना को स्थगित करने की मांग की है।

यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के राजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय रायभा, अछनेरा के प्रधानाध्यापक संजय सिंह, प्राथमिक विद्यालय कराही, फतेहपुर सीकरी के सहायक अध्यापक बोहरन सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय विल्हैनी, बरौली अहीर के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजय कुलश्रेष्ठ और अकोला ब्लॉक में तैनात स्पेशल एजूकेटर सुधीर प्रियदर्शी की मौत से शिक्षक बेहद दु:खी हैं। सुधीर प्रियदर्शी को छोड़कर बाकी तीनों शिक्षकों ने पंचायत चुनाव के मतदान में ड्यूटी दी थी। सभी को बुखार और सांस लेने में समस्या थी।

उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. महेशकांत शर्मा ने बताया कि भगत कुंवर राम जूनियर हाईस्कूल गुदड़ी मंसूर खां में कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका नीना ग्रोवर की कोरोना की वजह से मंगलवार को मौत हो गई है। पंचायत चुनाव में ड्यूटी देने के बाद से उनकी तबियत खराब थी। परिजन कई अस्पतालों में ले गए, लेकिन बेड व ऑक्सीजन न होने के कारण भर्ती नहीं किया गया।डीपीएस में तैनात स्पोर्ट्स हेड वल्लभ सिंह की भी मौत हो गई है। संबंधित स्कूल के स्टाफ के साथ दूसरे स्कूलों के व्यायाम शिक्षकों ने उनकी मौत पर दु:ख जाहिर किया है और श्रद्धांजलि अर्पित की बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों के तमाम शिक्षक या फिर उनके घरवाले इस समय कोरोना संक्रमित है। ऐसे में पंचायत चुनाव की मतगणना में ड्यूटी लगने से वे परेशान हैं। ड्यूटी करने में असमर्थता जता रहे हैं। सक्षम अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं।

एमडी जैन इंटर कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. अमित सिंह कोरोना संक्रमित हैं, वह घर पर आइसोलेट हैं। उनकी मां भी संक्रमित हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में उनका उपचार चल रहा है। बुधवार शाम पिता ने बेटे का मनोबल बढ़ाया, समझाया कि सब कुछ जल्दी ठीक हो जाए, कुछ देर बाद ही उन्हें हृदयाघात हो गया। अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।  विद्यालय के शिक्षक प्रशांत पाठक ने दु:ख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि अमित सिंह की चुनाव ड्यूटी आ गई है। उन्होंने में मतदान में पीठासीन अधिकारी के रूप में ड्यूटी की थी, उसके बाद से बुखार आ रहा था। तबियत बिगड़ने पर वह तीन दिन से हॉस्पिटल में भर्ती होना चाह रहे थे, कहीं बेड नहीं मिला।  उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के मंडल अध्यक्ष मुकेश शर्मा, मंत्री भीष्मभद्र लवानिया, जिलाध्यक्ष अजय शर्मा, मंत्री डॉ. विशाल आनंद आदि ने मुख्यमंत्री से मतगणना को स्थगित करने की मांग की है।

कोविड सेंटर की सूची से हटे 20 अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति रोकी

आगरा : मरीज नहीं भर्ती करने पर आगरा के जिन 20 अस्पतालों को कोविड सेंटर की सूची से बाहर किया, उनमें बुधवार को ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा रहा। वेंडर ने ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं भेजे। आपूर्ति ठप होने से परेशान मरीजों के तीमारदारों ने डीएम से गुहार लगाई। डीएम ने आगामी एक सप्ताह तक इन अस्पतालों में आपूर्ति सुचारू रखने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि आपूर्ति रोकने पर वेंडर के विरुद्ध एफआईआर कराई जाएगी।

जिले में 46 कोविड सेंटर हैं। जिनमें 20 कोविड अस्पतालों के विरुद्ध मंगलवार को डीएम प्रभु एन सिंह ने कार्रवाई करते हुए उन्हें कोविड सूची से हटा दिया है। एक मई से इनमें नए मरीज भर्ती नहीं होंगे, परंतु जो मरीज भर्ती हैं उनके ठीक होने तक उपचार करना होगा। सूची से हटाए खुशी हॉस्पिटल, बीएम हॉस्पिटल, शेखर हॉस्पिटल, प्राइम नर्सिंग होम, आगरा मेडिकल केयर एंड रिसर्च सेंटर, ऑर्थो स्पाइन इंजरी एंड ट्रोमा सेंटर, चौहान हॉस्पिटल समेत 20 अस्पतालों में बुधवार को ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने से 170 से अधिक संक्रमितों की जान पर बन आई।

12 घंटे से अधिक समय तक ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने से तड़पते मरीजों के तीमारदारों ने डीएम से शिकायत की। डीएम ने सभी ऑक्सीजन वेंडर को नोटिस जारी करते हुए निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, जो वेंडर ऑक्सीजन आपूर्ति रोकेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

जिन 20 अस्पतालों को कोविड सेंटर सूची से बाहर किया है उनमें 170 कोरोना संक्रमित उपचाराधीन हैं। 80 मरीज ऐसे हैं जिन्हें ऑक्सीजन लगी है।

जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि वेंडर कोविड अस्पतालों को प्राथमिकता पर गैस आपूर्ति करेंगे। साथ ही नॉन कोविड अस्पतालों में भी आपूर्ति की जाएगी। कोई भी वेंडर ऑक्सीजन का स्टॉक नहीं करेगा। न किसी अस्पताल की आपूर्ति रोकेगा।

जिला महिला चिकित्सालय लेडी लॉयल में बुधवार को पांच घंटे तक ऑक्सीजन संकट बना रहा। लेडी लॉयल में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने पर डीएम ने हिमांशु ब्रदर्स को सख्त चेतावनी देते हुए अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ जिला अस्पताल में दोपहर 12 बजे करीब 30 मिनट की ऑक्सीजन बची थी। यहां ऑक्सीजन खत्म होने के एक घंटे बाद आपूर्ति हो सकी

मथुरा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान

मथुरा :  जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। दोपहर दो बजे 37.72 फीसदी हुआ है। सुबह 11 बजे तक मतदान तेज रफ्तार से हुआ। इस दौरान 23.97 फीसदी वोट पड़े थे। इसके बाद तीन घंटे में करीब 14 फीसदी ही मतदान हो पाया है। सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, जो शाम छह बजे तक चलेगा। जिले के 2155 मतदेय स्थलों पर लगभग 13 लाख 11 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 7893 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। थाना फरह के गांव गजोली के प्रधान प्रत्याशी रणधीर सिंह की कोरोना से मृत्यु हो गई है। इससे प्रधान पद का मतदान रोक दिया गया है। उधर, गांव कोयल में प्रधान प्रत्याशी की बुधवार की रात मौत हो जाने से वोटिंग निरस्त कर दी गई है।दोनों जगहों पर अन्य पदों के लिए मतदान हो रहा है।

मतदान को शांतिपूर्ण कराने के लिए अफसरों समेत 8400 पुलिस-पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय 39 बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। 19 जोन और 121 सेक्टरों में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। डीएम और एसएसएसपी खुद भ्रमण कर मतदात केंद्रों पर सुरक्षा का जायजा ले रहे हैं। मतदान कराने के लिए जिले में करीब 9 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव आयोग की तरफ से मतदान करने के लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचानपत्र समेत तमाम विकल्प दिए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के सभी इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करते हुए शांतिपूर्वक मतदान कराने में सहयोग करें और कोविड गाइडलाइन का पालन करें। सुबह 7 से शाम 6 बजे तक मतदानचौथे चरण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान गुरुवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। जिले के 860 मतदान केंद्रों पर बने 2155 बूथों पर वोट डाले जा र चिकित्सक की सलाह: 90 फीसदी से कम हो ऑक्सीजन का स्तर तो ही अस्पताल जाएं

90 फीसदी से कम हो ऑक्सीजन का स्तर तो ही अस्पताल जाएं

आगरा : कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट आने का मतलब यह नहीं है कि तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाएं। होम आइसोलेशन में उचित उपचार किया जा सकता है। ऑक्सीजन का स्तर 90 प्रतिशत से कम होने पर चिकित्सक के परामर्श पर अस्पताल का रुख करना चाहिए। यह कहना है आगरा के आईएमए पदाधिकारी डॉ. पंकज नगायच का।

उन्होंने बताया कि सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि कृत्रिम ऑक्सीजन हमें कब चाहिए। जब तक हमारा ऑक्सीजन प्रेशर 94 से 95 परसेंट है (जोकि पल्स ऑक्सीमीटर से नापा जाता है) तब तक हमें किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए। कोरोना से पीड़ित व्यक्ति तब तक होम आइसोलेशन में रहें। होम आइसोलेशन का मतलब है कि चिकित्सकीय परामर्श के साथ घर पर आराम करें। जीनोम डायग्नोस्टिक्स के डायरेक्टर डॉ. पंकज ने बताया कि सबसे ज्यादा कारगर आज भी सैनिटाइजेशन, मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग है। जिससे हम कोरोना पर काबू पा सकते हैं ।

आईएमए के सांस्कृतिक सचिव डॉ. पंकज का कहना है कि रेमडेसिविर जैसी दवाई को लेकर लोगों में भ्रम है। इसकी घोर कमी से मरीजों एवं तीमारदारों में बहुत पैनिक है। यह दवा कब लेनी है कितनी लेनी है इसके बारे में अधिकांश लोग नहीं जानते हैं। यह कोई जादू की गोली नहीं है जो कोरोना को समाप्त कर देगी।  शुरू के कुछ दिनों में बीमारी के तीन से 10 दिनों के अंदर देने पर यह पाया गया कि कुछ लोगों में यह लक्षणों को हल्का कर सकती है एवं हॉस्पिटल स्टे थोड़ा सा कम कर सकती है। अभी भी कोई बहुत साइंटिफिक डाटा इस दवा को लेकर हमारे पास नहीं है।

 

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