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नौसैनिकों पर भारत में चल रहै अपराधिक मुकदमे को बंद करने पर सहमत

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दिल्ली :  शुक्रवार को 2012 में केरल के मछुआरों की हत्या मामले में आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों पर भारत में चल रहै अपराधिक मुकदमे को बंद करने पर सहमत हो गया है। मंगलवार को इस संबंध में औपचारिक आदेश पारित किया जाएगा। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमा आर शाह की अवकाशकालीन पीठ को केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि पीड़ितों को संवितरण के लिए शीर्ष अदालत में 10 करोड़ रुपये का मुआवजा जमा कर दिया गया है।

मेहता ने कहा कि कुल मुआवजे के बंटवारे पर फैसला करना केरल सरकार पर निर्भर है। इटली गणराज्य के वकील का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल की ओर से अवार्ड घोषित किए जाने के बाद दिल्ली की एक अदालत के समक्ष इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही को भी बंद कर  दिया जाना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा था कि इटली, नौसैनिकों पर मुकदमा चलाने का अधिकार सुरक्षित रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और केरल सरकार, दोनों ने ट्रिब्यूनल के अवार्ड को स्वीकार कर लिया है। वहीं केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पीड़ितों को उचित समय के बाद पैसा जारी किया जाना चाहिए।

राज्य सरकार के वकील ने कहा, जब तक इस अदालत ने हस्तक्षेप नहीं किया था तब तक पीड़ितों के पास कुछ भी नहीं था। घटना के बाद राज्य में बहुत आक्रोश था। हालांकि वे अब संतुष्ट थे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि धन को केरल हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया जा सकता है और हाईकोर्ट पीड़ितों को दी जाने वाली राशि के वितरण के पहलू की निगरानी कर सकता है। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को आदेश पारित करेगा। बता दें कि दो इतालवी नौसैनिक मैसीमिलियानो लटोरे और सल्वातोर गिरोन पर 15 फरवरी, 2012 को केरल के दो मछुआरों की हत्या करने के आरोप है।

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