बाराबंकी : स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हर घरों में शौचालय उपलब्ध कराने का का नियम था। इसमें सरकार के द्वारा ₹12000 की प्रोत्साहन राशि देने के नियम है लेकिन अधिकारी कर्मचारियों ने शौचालय का पैसा भी खाने में पीछे नहीं है गौरतलब है कि यह योजना अधिकारी कर्मचारियों के लिए कामधेनु गाय की तरह साबित हो रही है जिसका जीता जागता उदाहरण बाराबंकी के विकासखंड त्रिवेदीगंज के अखैयापुर गांव में देखने को मिल रहा है फिलहाल आपको बता दें कि इस गांव में बने शौचालय में भ्रष्टाचार की भू साफ तौर पर आ रही है क्योंकि यह हम नहीं कह रहे हैं तस्वीरें गवाही दे रहे हैं। इसकी शिकायत अधिकारी कर्मचारियों से ग्रामीणों ने कई बार की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ग्राम पंचायत में बने शौचालय पूरी तरीके से मानक विहीन है कहीं शौचालय गिर गए हैं कहीं शौचालय में छत नहीं है, तो वही अधिकतर शौचालयों में गड्ढे नहीं बने हैं जिसके चलते इस अखैयापुर ग्राम पंचायत के भोले-भाले ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं
लेकिन अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा यह साफ तौर पर दिखाया बताया जा रहा है कि बाराबंकी पूरी तरीके से शौच मुक्त हो चुका है लेकिन यह सब दिखावा ही साबित हो रहा है। इसी ग्राम पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने हमारे संवाददाता श्रवण चैहान को वहां की कुछ तस्वीरें दिखाते हुए खबर प्रकाशित करने की गुजारिश की जिस पर हमारे संवाददाता ने मौके पर पहुंच कर वहां की तस्वीरें देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि इस ग्राम पंचायत में शौचालय के नाम पर लाखों रुपए की बंदरबांट की गई है। इसी ग्राम पंचायत में सैकड़ो घर इस तरह के है जिन्हें शौचालय मिले ही नही है।