गंगा-यमुना में गिरने वाले गंदे जल को जांचेगा एकेटीयू
-केंद्रीय नियंत्रण बोर्ड ने सूबे के एकेटीयू वीसी को बनाया नोडल अफसर
लखनऊ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विश्वविद्यालय को दोनों नदियों क्रमश: गंगा और यमुना के किनारे यूपी और हरियाणा के 196 उद्योगों के अवजल के जांच की अहम जिम्मेदारी राजधानी लखनऊ मुख्यालय स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी को दी गई है। वहीं यहां एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र को इस कार्य के लिये नोडल अधिकारी बनाया गया है। यह जानकारी बुधवार को देते हुए एकेटीयू के जनसपंर्क अधिकारी डॉ. पवन कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जीवनदायिनी गंगा और यमुना के जल को स्वच्छ बनाने की मुहिम में जुटी सरकार ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को यह बड़ी जिम्मेदारी दी है। वीसी प्रोफेसर मिश्र की अगुवाई में विशेषज्ञ जांच कर अपनी रिपोर्ट एजेंसी को सौंपेंगे। ज्ञातव्य हो विश्वविद्यालय को स्थापना से पहली बार यह कार्य दिया गया है। इसके लिए बजट भी आवंटित कर दी गई है।
विशेषज्ञ करेंगे जांच…!
उद्योगों से निकलने वाला अवजल सीधे नदियों में गिरता है। जिससे नदियां दूषित हो रही हैं। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगों से निकलने वाले अवजल की जांच कराने का निर्णय लिया है। इस काम के लिए एकेटीयू को चुना गया है। इस कार्य में विश्वविद्यालय के अध्यापक, शोध छात्र और विशेषज्ञ कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र के अगुवाई में अवजल की जांच करेंगे।