लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख समाज का धर्म की रक्षा के लिए किया गया बलिदान देश हमेशा याद रखेगा। धर्म की रक्षा के लिए चार साहिबजादो ने खुद को बलिदान कर दिया। दरअसल, गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर बुधवार को राजधानी के ऐतिहासिक गुरुद्वारे यहियागंज पहुंचे यूपी के मुख्यमंत्री ने कहीं। इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, विधि एवम न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और पूजा की। फूलों से सजा दरबार हाल, गुरु ग्रंथ साहिब पर प्रकाश के साथ मत्था टेकती संगत, गुरु की जीवनी पर प्रकाश डालते हेड ग्रंथी और लंगर सेवा करने के लिए संगतों की कतार। कुछ ऐसे ही माहौल में बुधवार को सिखों के अंतिम गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशोत्सव मनाया। वहीं, ऐतिहासिक गुरुद्वारे यहियागंज में प्रकाशोत्सव का विशेष महत्व है। यहां गुरु गोविंद सिंह साहिब ठहरे थे
गुरुद्वारा यहियागंज में ठहरे थे गुरु गोविंद सिंह
बिहार के पटना साहिब में जन्मे गुरु गोविंद सिंह 1670 में छह वर्ष की आयु में अपनी माता माता गुजरी और माता कृपाल जी महाराज के साथ आनंदपुर साहिब से पटना साहिब जाते समय दो महीने 13 दिन गुरुद्वारा यहियागंज में ठहरे थे। गुरु गोविंद सिंह द्वारा हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहिब भी गुरुद्वारे में मौजूद है। हुक्म नामे भी गुरुद्वारे की शोभा बढ़ा रहे हैं
गुरुद्वारा नाका हिंडोला में हुआ विशेष प्रकाश
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरुद्वारा नाका हिंडोला में विशेष दरबार सजाया गया। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन पंच प्यारे की अगुआई में नगर कीर्तन यात्रा निकाली गई। बुधवार को कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के साथ आयोजन किया गया। लंगर सेवा के लिए सेवादारों की कतार लगी रही। महिलाएं व पुरुष सेवादार लगे रहे। लंगर के साथ समापन हुआ। गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि सुबह फूलों की वर्षा के साथ प्रकाशोत्सव मनाया गया। सजे दरबार हाल में सुबह से ही संगतों की कतार लगी रही
गुरुद्वारा मानसरोवर के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा ने बताया कि सुबह प्रकाश के साथ दीवान सजाया गया। सुरक्षा के चलते सूखे राशन का लंगर बांटा गया। गुरुद्वारा आशियाना के अध्यक्ष जगमोहन सिंह व चेयरमैन जेएस चड्ढा के संयोजन में विशेष प्रकाश किया गया। गुरुद्वारा आलमबाग में सामूहिक दस्तार बंदी के साथ ही आयोजन शुरू हो गए। 31 जनवरी को मुख्य आयोजन होगा। गुरुद्वारे के प्रवक्ता हरजीत सिंह ने बताया कि अध्यक्ष निर्मल सिंह के संयोजन में हर दिन आयोजन होंगे। गुरुद्वारा सदर के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि सुबह विशेष प्रकाश किया गया।