
इंदौर : पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर केंद्र सरकार की योजनाओं में जमकर घोटाले करने के आरेाप लग रहे हैं। इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम का घोटाला तो सामने आ ही चुका है। अब सौभाग्य योजना में भी घोटाले के आरोपल गे हैं। आईपीडीएस योजना में बदनाम हुई कंपनी के मुख्यालय से सौभाग्य योजना का रिर्काड गायब हो गया है। केंद्र की दोनों योजनाओं के पालन और शिकायतों पर कार्रवाई की जानकारी देने से कंपनी ने इन्कार कर दिया है।
आईपीडीएस की जानकारी देने से मुकर चुकी कंपनी ने अब यह भी लिखकर दे दिया है कि सौभाग्य योजना का रिकार्ड कंपनी के पास उपलब्ध नहीं है। मप्र राज्य सूचना आयेाग इंदौर में बिजली कंपनी के पांचों शहर संभागों के अधिकारियेां को अपने यहां हाजिर होने का आदेश दिया है। दरअसल कंपनी से आईपीडीएस घोटाले में शिकायत करने वाले और कोर्ट में याचिका दायर करने वाले अभिभावक अभिजीत पांडे ने योजना से जुड़ी तीन बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।
कंपनी द्वारा आईपीडीएस में करवाए गए पांचों संभागों में हुए कार्यों के साथ मामले में तीनों ठेकेदार निजी कंपनियों को हुए भुगतान की जानकारी चाही थी। बिजली कंपनी ने जानकारी देने से इन्कार कर दिया। इस पर पांडे ने राज्य सूचना आयोग से शिकायत कर दी। राज्य सूचना आयोग ने मामले पर सुनवाई के लिए बीते दिनों बिजली कंपनी के लोक सूचना अधिकारी को इस पर उत्तर देने के लिए बुलाया था। हालांकि कंपनी के ओर से कोई भी अधिकारी राज्य सूचना आयेाग नहीं पहुंचा।
नतीजा अब सूचना आयोग ने शहर के पांचों संभागों के प्रभारी इंजीनियरों को नोटिस जारी कर दिया है। 30 मई को सूचना आयुक्त के सामने हाजिर होने का आदेश दिया गया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अब कंपनी के अधिकारी हारि नहीं होते हैं तो एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने आरक्षित वर्ग के वंचित नागरिकों को नि:शुल्क बिजली संयोजन देने के लिए सौभाग्य योजना जारी की थी। इसमें लक्ष्य हासिल करने और सबसे ज्यादा संयोजन देने का दावा पश्चिम क्षेत्र वितरण कंपनी ने किया था।
इस पर कंपनी को केंद्र की ओर से पुरस्कृत किया गया था। साथ ही फंड भी दिया गया था। योजना के बेहतरीन अमल का समय लगाने वाली कंपनीके पास उन लोगों की सूची नहीं है, जिनहोंने कंपनी से इस योजना में संयोजन हासिल किया। मामले में संजय बाकलीवाल द्वारा मांगी गई जानकारी पर कंपनी ने लिखकर दे दिया है कि योजना से जुड़ी जानकारी कंपनी के रिकार्ड में नहीं है। बाकलीवाल ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने इस योजना के अमल में भी फर्जीवाड़ा किया है। इसलिए रिकार्ड जानबूझकर नष्ट कर दिया गया है या छिपाया जा रहा है।