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सड़को पर घूम रहे अन्ना गौवंश दे रहे दुर्घटनाओं को दावत

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उरई (जालौन) हर ग्राम नगर कस्बे में गौशालाएं और गौ आश्रय केन्द्रों के होने के बाद उस भाजपा की योगी सरकार गौवंश के लिए इतनी गम्भीरता बरतने तथा लाखों करोणों रूपये खर्च करने के बाद भी अन्ना गौवंश के झुंड के झुंड हाईवे पर सम्पर्क मार्गों पर कहां से आ जाते हैं क्यों किसान अपनी फसलों को इनसे नहीं बचा पा रहा है!इसके साथ ही स्थानीय तथा जिला प्रशासन के तमाम निर्देशों के बाद भी अन्ना जानवरों की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है!जानवरों के झुंड फसलों को तो तबाह कर ही रहे हैं साथ ही यातायात को भी बाधित कर रहे हैं वहीं अगर देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में किसान कृषि के साथ ही दुधारू जानवर पाल कर जीविकोपार्जन करते हैं जब यह दुधारू जानवर दूध देना बंद कर देते हैं तो ग्रामीण ऐसे जानवरों को खुला छोड़ देते हैं यह जानवर ग्रामीणों के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए मुसीबत बने जाते हैं जिले में अन्ना जानवरों की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है आये दिन सड़क दुर्घटाओं में गौवंश मर रहा है! अन्ना जानवर खेतों में घुसकर किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं ऐसे में किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा करना मुश्किल हो रहा है कई बार तो इन्हीं जानवरों की वजह से किसानों के लिए विवाद कारण तक बन रहे हैं इससे किसानों को आर्थिक हानि तो उठानी ही पड़ती है साथ ही मानसिक परेशानी से भी गुजरना पड़ता है इसके अलावा अन्ना जानवर सड़कों पर घूम कर यातायात व्यवस्था को भी प्रभावित कर रहे हैं आए दिन कई सड़कों पर छोटी बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती है कालपी नगर क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के सभी प्रमुख मार्गों पर आवारा जानवर डेरा डाले हैं इन जानवरों की वजह से कई बार जाम जैसे हालातों के साथ साथ दुर्घटनाएं भी आम हो गई हैं लोगों का कहना है कि शासन यदि गांव गांव के किसानों का समूह बनाकर उनको खेतों में फेंसिंग की योजना तैयार कर क्रियान्वित करें इसमें किसानों का दोगना लाभ हो सकता है एक तो उनके खेतों कि आवारा पशुओं से सुरक्षा दूसरा किसान वर्ष में 3 फसल लेकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार भी कर सकता है ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से जानवरों द्वारा हो रही समस्या का निस्तारण किए जाने की मांग की है।
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