दिल्ली : के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अस्पतालों में 22 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की शुरुआत केजरीवाल ने दिल्ली की जनता और डॉक्टरों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि देश के लिए तो ये दूसरी वेव थी लेकिन दिल्ली वालों के लिए यह चौथी वेव थी। दिल्ली के लोगों को बधाई देते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों को बहुत बधाई कि उन्होंने इस लहर का पूरी बहादुरी से मुकाबला किया। उन्होंने स्वास्थकर्मचारियों, डॉक्टरों, टेक्नीशियनों, सफाईकर्मचारियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो चौथी लहर आई थी वह बहुत भयावह थी। इसका अंदाजा आप रोजाना आने वाले केस से लगा सकते हैं। दिल्ली में जो पहली लहर आई थी उसमें पीक केस रोजाना 4500 के करीब केस आते थे, सितंबर वाली दूसरी लहर में रोजाना करीब 6000 केस आते थे। तीसरी लहर में पीक केस रोजाना 8000 केस आए थे। वहीं इस चौथी लहर में 28000 केस रोजाना आ रहे थे।
सिर्फ केस ही नहीं इस लहर में बीमारी की इंटेसिटी भी ज्यादा थी। इस बार लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे थे। हमने बहुत ज्यादा लोगों को इस लहर में खोया। लोगों से बातचीत करें तो ऐसा लगता है कि शायद ही कोई ऐसा घर हो जो कोरोना से अछूता रह गया हो। कोई न कोई हर एक के घर में बीमार पड़ा था। इसमें लहर में इंडस्ट्री का जो सहयोग था उसके लिए मैं आभारी हूं। इस मौके पर एचसीएल की अधिकारी रोशनी का भी केजरीवाल ने शुक्रिया अदा किया। जब कोरोना के बीच में हमें जरूरत पड़ी और मैंने रोशनी जी को फोन किया कि हमें 6000 सिलिंडर की जरूरत पड़ेगी तो उन्होंने इसके लिए हामी भर दी। जब इसके लिए मैंने उनका शुक्रिया अदा किया तो वो बोलीं कि इसकी जरूरत नहीं है हम भी दिल्ली वाले हैं।
केजरीवाल आगे बोले, इसी तरह से दिल्लीवालों ने जिस तरह से हाथ से हाथ मिलाकर एक दूसरे की मदद की। अन्य कॉर्पोरेट्स ने भी इस लहर में हमारी बहुत सहायता की, उन सबका शुक्रिया। अब हमें तीसरी लहर का डर है। केजरीवाल ने इंग्लैंड में आई तीसरी लहर का भी जिक्र किया जिसका प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। वहां केस तेजी से बढ़ रहे हैं। वहां 45 प्रतिशत लोगों को टीका लग चुका है इसके बावजूद मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि उसका असर कम है। इसे देखते हुए हम अच्छे से तैयारी कर रहे हैं ताकि अगली लहर आए ही ना। देश में आई दूसरी लहर में कई कमियां उजागर हुईं जैसे ऑक्सीजन की कमी। दिल्ली में ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता। जब कोरोना की पिछली लहर आई तो दिल्ली में तेजी से ऑक्सीजन की मांग बढ़ी।