
गोण्डा : सीएचसी पंडरी कृपाल इस समय कुछ कर्मचारियो द्वारा लामबंद हो कर सीएचसी को पुराने रास्ते पर ही चलाना चाहते है,लामबन्दी में स्थान्तरित हुए चार कर्मचारियो को वापस लाने व चिकित्सक को भी ट्रांसफर करने को लेकर चिकित्सक को आज उसके चैम्बर में घण्टो बंधक बना रखा पुलिस के आने पर चिकित्सक को मुक्त कराया गया। 2 दिन पहले एक कर्मचारी ने तो यहां तक आरोप लगाया की उसे डॉक्टर ने झापड़ मारा और वह बेहोश हो गई, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और अस्पताल से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया।
इस पूरे प्रकरण की जब स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई तो पूरा मामला फर्जी पाया गया और गुटबाजी लामबंदी करने वाले अस्पताल के चार कर्मचारियों को स्थानांतरित कर दिया गया। आज जब सोमवार को अस्पताल खुला और कल अमृत महोत्सव मेला की तैयारी की जा रही थी तभी यहां की आशा संगिनी और आशा बहू एकजुट होकर चिकित्सा अधीक्षक पूजा जायसवाल को उनके चेंबर में बंद कर बंधक बना लिया और विरोध में नारेबाजी की। आशा बहुओं का कहना था कि जिन कर्मचारियों को यहां से ट्रांसफर किया गया है उनको यहां वापस लाया जाए या पूजा जसवाल को भी ट्रांसफर किया जाए
यही नही आशा बहुओं ने तो मानदेय ना मिलने, रिश्वतखोरी का भी पूजा जायसवाल पर आरोप लगाया। इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक पूजा जयसवाल एक सिरे से खंडन करते हुए कहा क्योंकि हम कर्मचारियों से काम लेना चाहते हैं इसलिए कुछ कर्मचारी हमसे नाराज हैं और लामबंदी कर रहे हैं।चिकित्सा अधीक्षक को बंदी बनाने की बात मुख्य शिक्षा अधिकारी तक पहुंची तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने अधीनस्थ डिप्टी सीएमओ टीपी जैसवाल को जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा।
जांच करने पहुंचे डिप्टी सीएमओ टीपी जयसवाल ने बताया पूजा जसवाल द्वारा सूचना दी गई थी यहां के आशा बहू संगिनी सब लोगों ने उन्हें चेंबर में बंद करके बंधक बना लिया है और उनके साथ बदतमीजी की है।यहां आने पर आशा बहुओं ने एक शिकायती पत्र दिया जिसमें मानदेय न मिलने की बात कही और डॉक्टर को रिश्वत लेने का आरोप लगाया,जयसवाल ने कहा हम सभी का बयान लेकर, पूजा जसवाल का भी बयान लेंगे और उसके बाद रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौपेंगे।