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भ्रष्टाचार में संलिप्त सचिव को प्रोन्नत करके बनाया गया सहायक खंड विकास अधिकारी

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उरई (जालौन) विकासखंड महेवा में भ्रष्टाचार चरम पर है। कई बार शिकायत करने के बाद भी यहां के भ्रष्ट सचिव संदीप गुप्ता पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। इसका कारण भ्रष्ट सचिव का शासन तंत्र में वर्चस्व होना है। विकासखंड महेवा भ्रष्टाचार की वजह से लगातार समाचार पत्रों की सुर्खियों में रहता है। यहां आए दिन भ्रष्टाचार की एक नई खबर समाचार पत्रों एवं अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित होती रहती है। लेकिन अभी तक ना ही भ्रष्टाचार में कोई गिरावट आई है और ना ही खबरों में। भ्रष्टाचार भी चरम पर है और खबरें प्रकाशित होने का सिलसिला भी चरम पर है। विकासखंड महेवा के भ्रष्टाचार की खबरें  दोपहर तक रद्दी की टोकरी में चली जाती है। संदीप गुप्ता का शासन तंत्र में इतना गहरा वर्चस्व है कि कोई भी, किसी भी स्तर का जांच अधिकारी निष्पक्ष एवं सत्य जांच आख्या शासन को भी नहीं भेज पा रहा है। इससे शिकायत कर्ताओं का हतोत्साहित होना अवश्यंभावी हो गया है। न्याय पंचायत मगरौल के सभी ग्राम देवकली, कीरतपुर, मैनुपुर, गुढ़ा खास, शेखपुर गुढ़ा, मगरौल में सचिव संदीप गुप्ता ही तैनात किए गए थे और ज्यादातर ग्रामों में विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट आए दिन समाचार पत्रों की सुर्खियों में रहता है और ग्राम मगरौल में जितने भी नए सीसी निर्माण हुए हैं वे सभी गुणवत्ता विहीन एवं मानक विहीन है और सभी सीसी निष्पक्ष जांच को तरस रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम मंगरौल का  है जो एक महीने में तमाम प्रतिष्ठित समाचार पत्रों की सुर्खियों में रहा है। इस मामले में राजेन्द्र सिंह के मकान से अरविंद मिश्रा के मकान तक सीसी रोड का निर्माण कार्य किया गया है। सीसी रोड के ऊपरी कोट में प्रतिबंधित डस्ट का भारी मात्रा में प्रयोग हुआ है और सीसी बहुत पतली डाली गई है। इस निर्माण कार्य से आक्रोशित ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी कालपी को संपूर्ण साक्ष्य सहित  लिखित शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया था एवं उक्त प्रकरण की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी की थी। इस शिकायत पर ब्लॉक से जेई मोहम्मद गफ्फार खान जांच अधिकारी बनकर आए थे। भ्रष्ट अधिकारी संदीप गुप्ता की मौजूदगी में जांच की गई एवं सीसी में 3 गड्ढे हुए थे। जिसमें क्रमशः पहले गड्ढे की मोटाई 6 सेंटीमीटर दूसरे की 8 सेंटीमीटर और तीसरी में 8.50 सेंटीमीटर की मोटाई पाई गई। निचले बेस में सीधी मिट्टी  निकली थी। लेकिन गफ्फार खान के द्वारा जांच आख्या में 7 सेंटीमीटर और 8 सेंटीमीटर और 10 सेंटीमीटर दर्शाया गया और निचले बेस में सीधे मिट्टी निकलना छुपा लिया गया इस गलत जांच आख्या से असंतुष्ट ग्रामीणों ने असंतोष प्रकट करते हुए रजिस्ट्री के माध्यम से जिलाधिकारी जालौन, मंडलायुक्त झांसी मंडल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र प्रेषित किया गया था एवं निम्न विंदुओं पर जांच की मांग की गई थी। सी सी निर्माण के ऊपरी कोट में प्रतिबंधित डस्ट का भारी मात्रा में प्रयोग एवं  सीसी की मोटाई बहुत कम होना।  इसके सापेक्ष लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता बृजेंद्र कुमार जांच अधिकारी बनकर आए और सीसी निर्माण जांच की खानापूर्ति करके चले गए ना तो उन्होंने सैंपल लिया और ना ही सीसी की वास्तविक मोटाई ही नापी। और हैरतअंगेज विषय यह की शिकायती पत्र में भ्रष्ट सचिव की मौजूदगी में जांच आख्या प्रभावित होने की बात स्पष्ट रूप से अंकित थी। लेकिन जांच अधिकारी बृजेंद्र कुमार के साथ भी उक्त सचिव कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलता नजर आया। भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे सचिव संदीप गुप्ता पर जांच और ना ही जांच अधिकारी का कोई फर्क पड़ता है इन सब की मिलीभगत से त्रस्त ग्रामीण अब मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत करने के लिए बाध्य हैं।
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