अयोध्या। केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार धर्मनगरी अयोध्या में विकास कार्यों को लेकर तेजी से प्रयासरत है। सरकार का उद्देश्य है कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को जल्द ही यहां सभी सुविधाएं मिलना आरंभ हो जाएं। उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों के साथ ही कई राज्यों से भी श्रद्धालु अयोध्या आयेंगे इसलिए उन्हें एयरपोर्ट की जल्द से जल्द सुविधा मिल सके। इस मद्देनजर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम तेजी से चल रहा है। इस वर्ष से ही विमानों की उड़ान का लक्ष्य 2023 से ही यहां से विमानों की उड़ान का लक्ष्य है अवध विश्वविद्यालय के पास विकसित हो रहे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में उड़ान के लिए जुलाई से प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू होने के बाद दो से तीन महीने में डीजीसीए उड़ान के लिए लाइसेंस दे सकती है। इसके साथ ही रामनगरी अयोध्या से देश-विदेश के लिए सितंबर तक उड़ान शुरू हो सकती है। पहले फेज का 76 फीसदी निर्माण पूरा हो चुका है। परियोजनाप्रबंधक राजीव कुलश्रेष्ठ ने बताया कि लाइसेंस की प्रक्रिया दिल्ली से ही पूरी होती है। हमारा काम सिविल इलेक्ट्रिकल काम पूरा कर देना है वह हम जून तक दे देंगे। उन्होंने कहा कि फेज-वन के लिए 22 सौ मीटर रन-वे बनाया जाना है। इसमें से 14 सौ मीटर रनवे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही आइसोलेशन-वे दो टैक्सी-वे और एक एप्रन 3 ईयर बसों को पार्क करने हेतु कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि रनवे का संपूर्ण कार्य मई तक पूरा कर लिया जाएगा। मुख्य रूप से जो दूसरा काम होता है वह है टर्मिनल बिल्डिंग का उसका काम भी 56% पूर्ण है। इन कार्यों को जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा। परियोजना अधिकारी ने बताया कि नाका फ्लाईओवर की तरफ व रन-वे के दूसरे छोर की तरफ कैट वन लाइटिंग के लिए भूमि उपलब्ध है। इस कार्य को भी शीघ्र कर लिया जाएगा जिससे एयरपोर्ट पर रात्रि के समय व धुंध (फॉग) में भी एयर बसों की लैंडिंग हो सकेगी।