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टीबी के संक्रमण रहने तक गर्भधारण से बचें : सीएमओ

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सीफार के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला

डीटीओ ने टीबी को लेकर मिल रही सेवाओं पर दी प्रस्तुति

बहराइच : क्षय रोग से ग्रसित महिला संक्रमण के दौरान ही यदि गर्भवती हो जाती है तो यह उच्च जोखिम भरा प्रसव का मामला बन जाता है। इसलिए क्षय रोग संक्रमण के दौरान दंपति को खास ध्यान देने की जरूरत है। कोशिश करें कि टीबी संक्रमण के दौरान गर्भधारण से बचें। यह कहना है मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह का। डॉ सतीश बुधवार को क्षय रोग पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला में सीएमओ ने बताया कि टीबी सन्क्रमित महिला का प्रसव एक अतिसतर्कता वाला मामला होता है। महिला और दोनों को बराबर खतरा रहता है। हालांकि यह रोग अब यह लाइलाज नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है।

डॉ. जयंत कुमार, ए.सी.एम.ओ. व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन के लिए जन्म के समय नवजात को बीसीजी का टीका लगाया जाता है । जनपद के सभी प्रसव केंद्र सहित माह के प्रत्येक शनिवार व बुधवार को आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी सत्रों पर भी इसकी सुविधा उपलब्ध है डॉ. योगिता जैन ए.सी.एम.ओ., क्षय रोग उन्मूलन ने मीडिया की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मीडिया का अभी तक जो सहयोगात्मक व्यवहार रहा है वही बने रहने की आवश्यकता है

कार्यशाला के शुरुआत में बृजेश सिंह, जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने आयोजन में आए सभी लोगों का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्य और मीडिया से अपेक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बहराइच जनपद की 39.33 लाख आबादी को आच्छादित करने के लिए जिले में 21 टीबी यूनिट स्थापित हैं और 32 डेसिग्नेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी) हैं। वहीं बलगम परीक्षण के लिए दो सीबी नाट मशीन लगी हुई हैं। इसमें एक मशीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ननपारा में लगी है और दूसरी टीबी हास्पिटल में है। ट्रूनाट की नौ मशीनें व चार केंद्रों पर एक्स-रे की सुविधा है। 51 पेरीपेरी हेल्थ इंस्टीट्यूट (पीएचआई) केंद्र है

डॉ. पी.के. वर्मा, उप जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 में 6585 मरीज चिन्हित किए गए हैं। जिनका ट्रीटमेंट सक्सेस रेट 84.3 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की एचआईवी जांच अनिवार्य है जो कि 91 प्रतिशत है। 30 मरीजों में एड्स एचआईवी और क्षय रोग का संक्रमण मिला है इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी , यूनिसेफ़ व डबल्यूएचओ के प्रतिनिधि , अपर शोध अधिकारी , आयुष्मान भारत की टीम, आरकेएसके व आरबीएसके कोआर्डीनेटर सहित जनपद के मीडिया साथी उपस्थित रहे कार्यशाला के दौरान सीफार के स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर लोकेश त्रिपाठी ने संस्था की गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। आखिर में सीफार के मण्डल समन्वयक सुशील वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर संस्था के रवि तिवारी और विनय नारायण श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।

आज से गोद लिए जाएंगे टीबी रोगी

डीसीपीएम मो0 राशिद ने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी संबंधी सेवाओं को गति प्रदान करने के लिए 24 मार्च से 13 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाया जाएगा । जिसमे घर घर जाकर व कैंप लगाकर टीबी के मरीज खोजे जाएंगे । साथ ही 24 मार्च टीबी दिवस के अवसर पर 1500 टीबी मरीजों को गोद लेने का भी लक्ष्य रखा गया है कार्यशाला के दौरान मीडिया ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कई सवाल पूछे। जैसे टीबी का संक्रमण कैसा होता है और कैसा फैलता है? जिले में टीबी के कितने मरीज चिन्हित किये गए और कितने मरीज ठीक हुए हैं ? कोरोना की खांसी और टीबी की खांसी में क्या अंतर है ? जागरूकता के लिए क्या रणनीति अपनाई जा रही हैं ?

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