बहराइच : जनपद में अवध वाटिका साहित्य मंच के तत्वावधान में पाक्षिक काव्य गोष्ठी का आयोजन अवध वाटिका साहित्य मंच के संस्थापक अध्यक्ष हास्य कवि पी.के.प्रचण्ड की अध्यक्षता एवं समाज सेवी पवन सिंह एडवोकेट के मुख्य आतिथ्य में सेनानी सभागार में कवि राघुवेन्द्र नाथ त्रिपाठी की वाणी वन्दना से शुभारम्भ हुआ ,कार्यक्रम का संचालन शायर रईस सिद्दीकी ने किया ।कवि तिलक राम अजनबी ने कुछ यूं पंक्तियाँ पढ़ी किसी माँ के लिए बेटा कभी मोटा नही होता ,निकम्मा हो भले लेकिन कभी खोटा नही होता ।युवा कवि अजित मौर्य ने पढ़ा ऐ खुशी हर तरफ बिखर सभी त्योहार तीज पर आ ,कभी वक्त निकाल कर गरीबों के दहलीज पर आ।कवियत्री शमा परवीन ने प्रकाश पर्व पर पढ़ा गर चाहते तम को मिटाना जिन्दगी के बीच से ,तो अमावस रात में शम्मा सा जलना सीखिए ।
वरिष्ठ कवि राघुवेन्द्र त्रिपाठी ने कविताओं के चोरों पर प्रहार करते हुए पढ़ा-स्तर ज्ञान का न काव्य का ,यति-गति ओर न छोर ।कविता पढ़ते मंच पर कविताओं के चोर।कार्यक्रम का संचालन कर रहे शायर रईस सिद्दीकी ने मतला यूं पेश किया नफ़रतें हो खत्म उस अंदाज़ की बातें करो ।कार्यक्रम के अतिथि समाजसेवी पवन सिंह एडवोकेट ने अवध वाटिका साहित्य मंच की सराहना की और सभी कलमकार बन्धुओं का साहित्य के प्रति निरंतर अग्रसर रहने की अपेक्षा की कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हास्य कवि पी.के.प्रचण्ड ने पंक्तियाँ पढ़ी तम को दूर भगाना सीख दीपक नया जलाना सीख ,झोंके हवा के आएंगे उनसे भी टकराना सीख ।काव्यपाठ समाप्त करते हुए गोष्ठी में आए सभी रचनाकार बन्धुओं का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के स्थगन की घोषणा की ।