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रामजन्मभूमि में मंदिर मॉडल का भी दर्शन पाएंगें भक्त

अयोध्या :  रामजन्मभूमि में अस्थाई मंदिर के पास भक्तों के दर्शन के लिए राममंदिर का मॉडल भी रखा जाएगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसकी तैयारी शुरू की गई है। हालांकि अभी कोरोना के कारामजन्मभूमि में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है इसलिए भक्त अभी मंदिर मॉडल का दर्शन नहीं कर पाएंगे। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक रामनवमी से श्रद्धालुओं के पूजन के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है। राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री रामलला के अस्थाई मंदिर के पास राम मंदिर के मॉडल को लगाया जा रहा है जो कि हैदराबाद के कारीगरों के द्वारा लकड़ी से बनाया गया है।

रामजन्मोत्सव पर भक्तों से सूना रहेगा रामलला का दरबार

अयोध्या:  देश व प्रदेश के साथ जिले में भी तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब रामजन्मभूमि में भी भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। जिसके चलते इस बार रामनवमी पर भक्त रामलला का दर्शन नहीं कर सकेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सोमवार को रामजन्मभूमि में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने का निर्देश जारी किया गया है। हालांकि रामलला के दरबार में प्रभु राम की सेवा व नित्य की पूजा अर्चना आरती होती रहेगी। भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी सादगी पूर्वक मनाया जाएगा। रामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर का निर्माण शुरू होने की खुशी में इस बार भव्यता पूर्वक रामजन्मोत्सव मनाने की तैयारी थी।

रामजन्मोत्सव में लाखों की भीड़ उमड़ने की संभावना थी लेकिन पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी कोरोना ने रामनवमी के उल्लास में ग्रहण लगा दिया। डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी शैलेश पांडेय ने सोमवार को रामजन्मभूमि जाकर ट्रस्टियों से मुलाकात की और कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन पूजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।जिसके बाद ट्रस्ट ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रामजन्मभूमि में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। स्थानीय व बाहरी भक्तों को अब रामलला का दर्शन नहीं मिल सकेगा, जिसके चलतेरामजन्मोत्सव में भी रामलला का दरबार भक्तों से सूना रहेगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को जारी किए गए प्रेस वक्तव्य में बताया है कि रामजन्मभूमि में भक्तों का प्रवेश रोक दिया गया है। कोरोना महामारी की नित्य बढ़ती गंभीरता, संक्रमण का खतरा आदि विषम परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

हम निरोग रहेंगे तो सदैव आनंद रहेगा। घर में सदैव रामनवमी उत्सव मनाते रहेंगे। ऐसा करने से भगवान राम भी प्रसन्न होंगे। सरकार के निर्देशों का पालन करने में स्वयं की भलाई है। पूूजा, पाठ, व्रत व उपवास घर में रहकर किए जा सकते हैं। रामजन्मोत्सव के लाइव प्रसारण की योजना थी, लेकिन कोरोना को देखते हुए फिलहाल सादगी से जन्मोत्सव मनाया जाएगा। भगवान के जन्मोत्सव पर हम सभी भगवान राम से आरोग्य की प्रार्थना रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रामजन्मोत्सव सादगी पूर्वक मनाया जाएगा। इस वर्ष रामलला को दो क्विंटल पंजीरी का भोग लगाया जाएगा। रामनवमी के मुख्य पर्व पर सुबह रामलला को पंचामृत स्नान कराया जाएगा। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में भगवान रामलला का जन्मोत्सव मनेेगा। जन्मोत्सव पर रामलला नवीन हरा वस्त्र धारण करेंगे। बताया कि रामजन्मोत्सव पर बहुत से संत-धर्माचार्य व भक्त इस बार अयोध्या नहीं आ सकेंगे।

इसलिए ट्रस्ट ने रामभक्तों को रामजन्मोत्सव का प्रसाद भेजने की योजना बनाई है। इसलिए इस बार दो क्विंटल पंजीरी का भोग लगाया जाएगा। ट्रस्ट की ओर से पांच सौ पैकेट प्रसाद तैयार कराने की योजना है जिसे रामभक्तों को भेजा जाएगा। रामनवमी 21 अप्रैल को श्रीराम का भव्य जन्मोत्सव कोविड प्रोटोकॉल के बीच मनाया जाएगा। इस दिन रामलला के गर्भगृह में दसों दिशाओं में रामलला के मंदिर की सुरक्षा के लिए दिग्पालों के विग्रह की विशेष पूजा होगी। बाद में दसों दिग्पालों को मई माह में विधिवत स्थापित किया जाएगा। माना जाता है दस दिशाओं के देवता अपनी अपनी दिशाओं की रक्षा करते हैं। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भगवान श्रीरामलला के जन्मस्थान पर विशेष पूजन कराएंगे।

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